
Reusa, Sitapur : आमतौर पर नदियाँ जीवनदायिनी कहलाती हैं, लेकिन सीतापुर के मल्लापुर और काशीपुर गाँव के लोगों के लिए यही जीवनदायिनी शारदा नदी अब अभिशाप बन चुकी है। यह नदी लगातार अपने तटों को काट रही है, जिससे सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन और ग्रामीणों के घर नदी में समाते जा रहे हैं।
यह प्रकृति का प्रहार दो महीने पहले से शुरू हुआ, जिसने अब विकराल रूप ले लिया है। गोसाईंपुरवा मजरा मल्लापुर के कई परिवार इस कटान के शिकार हो चुके हैं। टीकाराम, विद्या गोस्वामी, दंन्नू, बद्री और मुन्नी देवी के प्रधानमंत्री आवास और राजेंद्र का मुख्यमंत्री आवास भी नदी की चपेट में आ गया है। इसके अलावा, दिनेश, कमल सिंह, बिल्लू, रामप्रकाश, तकताली भार्गव, रमेश, राममिलन, सुरजाउ और भुराऊ जैसे कई ग्रामीणों के कच्चे और पक्के घर भी नदी में समा गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उनकी खेतों में लहलहाती फसलें भी जलमग्न हो गई हैं। जिन लोगों के घर और खेत नदी में कट गए हैं, वे अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। ये बेघर हुए लोग अब सरकार और प्रशासन से सहायता की आस लगाए बैठे हैं। क्षेत्रीय लेखपाल संदीप यादव ने बताया कि नदी से 100 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों का सर्वे करके रिपोर्ट तहसील अधिकारियों को भेज दी गई थी। उन्होंने कहा कि कितने घर नदी में कटे हैं, इसकी सूची बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।