सीतापुर : किसान की मौत का सस्पेंस खत्म, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज

सीतापुर : विभाग ने आज स्पष्ट कर दिया कि महोली के बसारा में खेत में मृत पाए गए राकेश की मौत जंगली जानवर के हमले से नहीं हुई थी।

प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन प्रभाग नवीन खण्डेलवाल ने बताया कि सामाजिक वानिकी वन प्रभाग, सीतापुर के महोली रेंज के अंतर्गत ग्राम बसारा निवासी किसान राकेश वर्मा आयु 50 वर्ष का शव उनके खेत में संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही वन विभाग, स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं राजस्व विभाग की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं और आवश्यक जाँच प्रारम्भ की गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी वन प्रभाग, सीतापुर द्वारा 29-08-2025 को दोपहर लगभग 3 बजे स्वयं घटनास्थल का दौरा किया गया। घटनास्थल का निकट से निरीक्षण करते हुए पाया गया कि मृतक के शरीर पर किसी भी प्रकार के पंजे, दांत, नाखून या जंगली जानवर के हमले के निशान मौजूद नहीं थे। शव पर न तो गहरे घाव थे और न ही खरोंच के ऐसे साक्ष्य थे जो बाघ या किसी अन्य जंगली जानवर के हमले की पुष्टि करते हों।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा

इस संदर्भ में जिला चिकित्सालय, सीतापुर में दिनांक 30-08-2025 को मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि मृत्यु का कारण बाघ अथवा किसी अन्य जंगली जानवर का हमला नहीं है, बल्कि मृत्यु अन्य चिकित्सीय कारणों से हुई प्रतीत होती है। घटना के पश्चात वन विभाग की टीम ने घटनास्थल एवं आसपास के क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया। इस दौरान किसी भी प्रकार के पगमार्क, बाल, खून के धब्बे या जंगली जानवर की गतिविधियों के प्रमाण नहीं मिले। क्षेत्र की और अधिक सटीक निगरानी हेतु वन विभाग ने घटनास्थल के आसपास दो कैमरा ट्रैप भी स्थापित किए हैं। अब तक की निगरानी में किसी भी बाघ या अन्य जंगली जानवर की उपस्थिति दर्ज नहीं की गई है। ग्रामीणों को वन विभाग और पुलिस प्रशासन द्वारा तथ्यों की जानकारी देते हुए यह समझाया गया कि मृत्यु का कारण जंगली जानवर का हमला नहीं है। साथ ही, उन्हें अफवाह न फैलाने की अपील की गई। एहतियात के तौर पर वन विभाग द्वारा क्षेत्र में संयुक्त पुलिस-वन विभाग गश्त भी बढ़ाई गई है।

प्रभाग के अंतर्गत किसी प्रकार की मानव-वन्यजीव संघर्ष व जनहानि को रोकने हेतु वन्यजीव प्रभावित क्षेत्र ग्राम नरनी, ब्रहमावली, पसगवां, रघुवर दयालपुर, कोल्हापुर एवं कटघरा में बाघ की गतिविधियों पर निगरानी के लिए 07 टीमों द्वारा ट्रैप कैमरे स्थापित किए गए हैं तथा ड्रोन कैमरे से प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है।

वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में हिंसक वन्यजीवों के पगचिह्नों की जांच एवं सघन कॉम्बिंग का कार्य 24×7 किया जा रहा है। लाउडस्पीकर का उपयोग कर आसपास के क्षेत्र में हिंसक वन्यजीव के हमले से बचाव व सुरक्षा हेतु आम जनमानस को सचेत जागरूक किया जा रहा है तथा हैंडबिल और पम्पलेट वितरित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में क्षेत्र की स्थिति पूरी तरह सामान्य है। घटनास्थल पर बाघ की उपस्थिति का कोई प्रमाण नहीं है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं विभागीय निरीक्षण से यह स्पष्ट रूप से सिद्ध हो गया है कि किसान राकेश वर्मा की मृत्यु जंगली जानवर के हमले से नहीं हुई। वन विभाग की टीम क्षेत्र में सतत निगरानी कर रही है और किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

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