Sitapur : बिछड़ा ‘लाल’, आज पहुंचेगा माँ के पास

  • सीतापुर में पकड़ा गया बाघिन का शावक, आज ही जाएगा गोरखपुर चिड़ियाघर; दूसरे की तलाश जारी
  • दिल को छू लेने वाला होगा मिलन, नरनी गांव का ‘गुमशुदा’ शावक माँ के पास

Sitapur : जिले में बीती रात वन विभाग को एक बड़ी सफलता मिली, जिसने संवेदनाओं के तार को झकझोर दिया है। महोली के नरनी गांव के पास पकड़ा गया बाघिन का शावक आज अपनी माँ के पास गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा जाएगा। यह एक भावुक क्षण होगा, क्योंकि इससे पहले पकड़ी गई इस शावक की माँ यानी बाघिन भी इसी चिड़ियाघर में भेजी गई थी। डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि माँ-बेटे के इस संवेदनशील रिश्ते को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, ताकि शावक को उसकी माँ का दुलार मिल सके।

घंटों की मशक्कत और ग्रामीणों की भीड़

यह शावक बुधवार की देर रात को पकड़ा गया था। वन विभाग की टीम रात भर दूसरे शावक को पकड़ने के लिए काबिंग करती रही और इंतजार में जुटी रही, लेकिन ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो जाने के कारण दूसरा शावक बाहर नहीं आ सका। जिस के बाद पकड़े गए शावक को गुरुवार की सुबह सीतापुर के इलिसिया पार्क में लाया गया, जहाँ उसे वन विभाग के चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया। अब सभी की निगाहें दूसरे बचे हुए शावक पर टिकी हैं, जिसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है।

अब तक का घटनाक्रम, कब-कब क्या हुआ?

यह पूरा घटनाक्रम कई दिनों से सीतापुर में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब तक वन विभाग एक बाघ, एक बाघिन और अब एक शावक को सफलतापूर्वक पकड़ चुका है।

सबसे पहले एक बाघिन को पकड़ा गया था। बाघिन के पकड़े जाने के कुछ दिनों बाद ही उसके साथी बाघ को भी पकड़ लिया गया था। बाघिन गोरखपुर चिड़ियाघर में है।

  • कल रात यानी बीते हुए समय में अब एक और शावक को पकड़ा गया है, जिसे आज उसकी माँ के पास गोरखपुर भेजा जा रहा है।

वन विभाग का कहना है कि दूसरे बचे शावक को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा, ताकि वह भी सुरक्षित अपने परिवार तक पहुँच सके। इस प्रयास में वन विभाग की टीम लगातार जुटी हुई है और ग्रामीणों से सहयोग की अपील कर रही है।

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