Sitapur : युद्ध की विभीषिका ने थामी पर्यटन की नैया

  • नैमिषारण्य में 80 प्रतिशत नेपाली पर्यटकों की कमी

Naimisharanya, Sitapur : युद्ध और पर्यटन एक साथ नहीं चल सकते-यह कहावत इन दिनों नेपाली पर्यटकों के लिए सच साबित हो रही है। नेपाल में हाल ही में हुए जेन-जेड आंदोलन की हिंसक घटनाओं ने न सिर्फ नेपाल की राजनीतिक स्थिरता को हिला दिया है, बल्कि इसका सीधा असर नैमिषारण्य के पर्यटन पर भी पड़ा है।

पितृपक्ष में सन्नाटा, गया यात्रा हुई फ्लॉप

हर साल आश्विन मास के पितृपक्ष में हजारों नेपाली श्रद्धालु अपने पूर्वजों की शांति के लिए बिहार के गया जी जाते हैं, और वहाँ से नैमिषारण्य आकर नाभि गया में पिंडदान करते हैं। लेकिन, नेपाल में चल रही अशांति के कारण इस बार पर्यटकों की संख्या में 80ः से अधिक की भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीते दो हफ्तों में नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या न के बराबर रही है।

पुरुषोत्तम शास्त्री, नैमिष टूरिस्ट सर्विसेज के संस्थापक और यूपी पर्यटन के अधिकृत गाइड, ने बताया कि सितंबर से दिसंबर का महीना नेपाल में पर्यटन का पीक सीजन होता है। इस दौरान भारत सहित कई देशों से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु नेपाल की मुक्तिनाथ और पशुपतिनाथ यात्रा पर जाते हैं, और वहाँ से नैमिषारण्य भी आते हैं। लेकिन, हिंसक माहौल के कारण बड़ी संख्या में बुकिंग्स रद्द हो गई हैं। कोई भी इस असुरक्षित माहौल में यात्रा का जोखिम नहीं उठाना चाहता।

नेपाल राज पुरोहित ललित दीक्षित कहते हैं कि नेपाल और भारत का आध्यात्मिक संबंध है हर वर्ष बड़ी संख्या में गया यात्रा के दौरान नेपाली श्रद्धालु यहां आते थे पर इस बार उनकी आमद में भारी कमी दिख रही है गिनती के ही नेपाली श्रद्धालु आए हैं वे भी जो नेपाल में हालात बिगड़ने के पहले निकल सके थे।

गंगासागर यात्रा पर भी संकट के बादल

गया यात्रा के फ्लॉप होने के बाद अब दिसंबर-जनवरी में होने वाली गंगासागर यात्रा पर भी अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। अगर नेपाल में जल्द ही शांति बहाल नहीं होती, तो यह यात्रा भी प्रभावित हो सकती है। नेपाल राज पुरोहित ललित दीक्षित ने बताया कि जो नेपाली श्रद्धालु आ सके हैं, वे वही हैं जो हालात बिगड़ने से पहले नेपाल से निकल गए थे। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल का आध्यात्मिक रिश्ता बहुत गहरा है, लेकिन वर्तमान हालात ने इस रिश्ते पर भी अस्थायी विराम लगा दिया है। अमेरिका, चीन, यूके, जर्मनी और जापान जैसे कई देशों ने भी अपने नागरिकों को नेपाल की यात्रा से बचने की सलाह दी है, जिससे नेपाल की पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लगा है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें