Sitapur : बेल्ट कांड में प्रधानाचार्य को मिली जमानत, लेकिन रिहाई के लिए करना होगा इंतजार

Sitapur : जिले के बहुचर्चित बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय बेल्ट कांड के आरोपी प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा को लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद आखिरकार जमानत मिल गई है। लगातार तीन बार से बढ़ रही तारीखों के बाद, सोमवार 6 अक्टूबर 2025 को सुनवाई के उपरांत न्यायालय ने ₹50 हजार के दो बांड का जुर्माना लगाते हुए प्रधानाचार्य की जमानत को मंजूरी दे दी है।

हालांकि, जमानत मंजूर होने के बाद भी प्रधानाचार्य को जेल से बाहर आने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। रिहाई तब तक नहीं हो सकेगी जब तक कि लगाई गई जमानत का वेरिफिकेशन पूरा नहीं हो जाता।

प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई पिछले कई दिनों से लगातार टल रही थी, जिससे उनकी न्यायिक हिरासत जारी थी और उनके समर्थकों की बेचैनी बढ़ रही थी। अब जमानत मिलने से उनके समर्थकों को बड़ी राहत मिली है।

क्या था पूरा ‘बेल्ट कांड’ प्रकरण?

यह पूरा मामला लगभग दो हफ्ते पहले 23 सितंबर 2025 को सामने आया था। सीतापुर के महमूदाबाद स्थित नदवा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजेंद्र कुमार वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अखिलेश प्रताप सिंह को उनके कार्यालय में बेल्ट से पीटा था। यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसने खूब सुर्खियां बटोरीं।

विवाद की मुख्य वजह

बताया जाता है कि विवाद की मुख्य वजह विद्यालय की एक महिला शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की हाजिरी थी। बीएसए पर आरोप थे कि वह प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा पर शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की स्कूल आए बिना ही फर्जी हाजिरी लगाने का दबाव बना रहे थे। प्रधानाचार्य ने इसका विरोध किया था।

घटना के दिन प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा बीएसए कार्यालय पहुंचे थे, जहां दोनों के बीच गरमागरम बहस हुई। इसी दौरान गुस्से में आकर प्रधानाचार्य ने अपनी बेल्ट उतारी और बीएसए पर हमला कर दिया।

घटना के बाद हुई कार्रवाई और विरोध

गिरफ्तारी और निलंबन: बीएसए की शिकायत पर पुलिस ने प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था। विवाद में घिरी महिला शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को भी बाद में निलंबित कर दिया गया था।

जनता का भी मिला समर्थन

प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी के बाद ग्रामीण और विद्यालय के छात्र उनके समर्थन में आ गए थे। उन्होंने स्कूल में ताला डालकर प्रदर्शन किया और प्रधानाचार्य की रिहाई की मांग की थी।

राजनीतिक मोड़ भी आया

मामले ने जल्द ही राजनीतिक और जातिगत रंग भी ले लिया था, जिससे यह प्रदेश स्तर पर चर्चा का विषय बन गया था।

कानूनी राहत: हाल ही में, जांच के बाद मुकदमे से एक गंभीर धारा को हटा दिया गया था, जिससे प्रधानाचार्य की जमानत का रास्ता खुलने की उम्मीद जगी थी, जो अब मंजूर हो गई है।

जमानत मंजूर होने के बाद अब प्रधानाचार्य बृजेंद्र वर्मा जल्द ही जेल से बाहर आ सकेंगे, लेकिन उन्हें रिहाई के लिए न्यायिक प्रक्रिया के तहत जमानत बांड के वेरिफिकेशन पूरा होने तक इंतजार करना होगा।

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