
जन-दबाव के आगे झुकता नजर आ रहा पुलिस-प्रशासन
जांच में हटने के करीब प्रधानाचाये पर लगी बीएनएस की धारा 109-सूत्र
सीतापुर। बीएसए कायार्लय में बीते मंगलवार को हुए बहुचचिर्त ‘बेल्ट कांड’ प्रकरण में प्रशासन और पुलिस विभाग बढ़ते राजनीतिक और जन-समथर्न के दबाव में यू-टर्न ले सकता है। बीएसए को बेल्ट से पीटने के आरोपी प्रधानाचायर् बृजेन्द्र वर्मा पर लगी भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109 हटाए जाने की चचार्ओं ने जोर पकड़ लिया है हालांकि, अन्य गंभीर धाराएं अभी भी बरकरार हैं। वहीं आरोपी प्रधानाचायर् जेल में हैं। पुलिस विभाग के एक उच्चस्तरीय अधिकारिक सूत्र की माने तो उक्त धारा को जांच में हटा दिया गया है लेकिन अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है ंइसलिए दैनिक भास्कर इसकी पुष्टि नहीं करता है।
प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में बढ़ी चचार्एं
बेल्ट कांड के बाद तुरंत गिरफ्तार किए गए प्रधानाचायर् बृजेन्द्र वर्मा पर लगी धारा 109 को हटाए जाने की चचार्ओ पर प्रशासनिक गलियारों में सुगबुगाहट मचा दी है। घटना के बाद यह प्रकरण दो गुटों में बंट गया था। एक ओर कुछ लोग प्रधानाचायर् की कारर्वाई को गलत बता रहे थे, वहीं दूसरी ओर शिक्षक संगठनों और विभिन्न जातिगत तथा सामाजिक संगठनों ने बृजेन्द्र वमार् के पक्ष में एकजुट होते हुए आंदोलन छेड़ दिया था। कई संगठनों ने एकजुट होकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर धारा 109 हटाने की मांग की थी।
जातिगत और राजनीतिक रंग
यह मामला जल्द ही प्रशासनिक विवाद से हटकर राजनीतिक रूप लेने लगा था और इसमें जातिगत समीकरण भी हावी होने लगे थे। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, बढ़ते जन-विरोध और तनाव को देखते हुए पुलिस विभाग ने मामले की पुनः समीक्षा की और प्रधानाचायर् पर लगी धारा 109 को हटाए जाने के करीब-करीब है।
अन्य धाराएं बरकरार, मामला अभी भी गंभीर
पुलिस विभाग के एक उच्च अधिकारी की माने तो भले ही धारा 109 हटा दी जाएगी लेकिन प्रधानाचायर् बृजेन्द्र वर्मा पर लगीं अन्य गंभीर धाराएं फिर भी बरकरार रहेगी। वहीं पुलिस की इस कारर्वाई को प्रशासनिक अमले के बढ़ते दबाव को शांत करने और मामले को ठंडा करने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानाचायर् बृजेन्द्र सिंह वमार् फिलहाल जेल में हैं और यह देखना बाकी है कि इस आंशिक राहत के बाद उनके कानूनी लड़ाई की दिशा क्या होती है।
जिला जज के यहां डाली गई थी जमानत अर्जी
सोमवार को न्यायालय खुलने पर जेल में बंद आरोपी प्रधानाचायर् बृजेन्द्र वमार् की जमानत कराए जाने को लेकर उनके अधिवक्ता ने जिला जज के यहां अजीर् लगाई थी जो कि अभी भी पेडिंग में बताई जा रही है। न्यायिक सूत्र बताते हैं कि इस पर पुलिस विभाग की तरफ से धारा 109 हटाए जाने की अपील जज से की गई थी जिसे न्यायालय ने स्वीकार भी किया है। जिससे धारा 109 हटा दी गई है। फिलहाल सच्चाई क्या है यह तो बुधवार को फैसला आने पर ही पता चलेगा। बताया जाता है कि अगर पेमेंट बीस हजार तक हुआ तब तो जमानत मिल सकती है अन्यथा इंतजार करना पड़ेगा।
कौन-कौन सी लगी थी प्रधानाचायर् पर धाराएं
जेल में बंद आरोपी प्रधानाचायर् पर 23 सितंबर 2025 को दजर् हुए मुकदमें में कोतवाली पुलिस ने धारा 109, 115(2), 132, 324(4), 351(3) तथा 352 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया था। धारा 109 को हटाए जाने की अभी कोई पुख्ता जानकारी पुलिस विभाग द्वारा नहीं दी गई है।