Sitapur : मौत का ऑपरेशन- सांडा के ‘आयुष्मान’ अस्पताल की खूनी दास्तान

  • अवैध अस्पताल में जानलेवा लापरवाही: प्रसूता की मौत, सिस्टम पर सवाल
  • ​सील हुआ ‘हत्यारा’ अस्पताल: पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई

​Sitapur : सांडा क्षेत्र के एक अवैध अस्पताल में हुई सनसनीखेज मौत ने स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को बेनकाब कर दिया है। बीती रात, सांडा चौराहे पर बेखौफ संचालित हो रहे तथाकथित ‘आयुष्मान अस्पताल’ में एक प्रसूता को भर्ती कराना उसके परिवार के लिए एक भयानक त्रासदी बन गया। यह घटना न केवल गंभीर लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की ढीली निगरानी पर भी गहरे सवाल खड़े करती है।

देर रात का भयानक घटनाक्रम

​टेड़वाकला गांव के निवासी इमरान ने अपनी पत्नी शहनूर को प्रसव पीड़ा के चलते रात करीब 10 बजे इस निजी क्लिनिक में भर्ती कराया। परिवार को शायद ही पता था कि यह अस्पताल किसी भी कानूनी या चिकित्सा मानक पर खरा नहीं उतरता। अस्पताल में मौजूद एक कथित चिकित्सक ने जल्दबाजी में महिला का ऑपरेशन करने का फैसला लिया। ऑपरेशन के तुरंत बाद प्रसूता को भीषण रक्तस्राव शुरू हो गया, जो कि ऑपरेशन के दौरान बरती गई घोर असावधानी का साफ संकेत था।

​जब शहनूर की हालत लगातार बिगड़ने लगी और रक्तस्राव किसी भी तरह काबू में नहीं आया, तो अस्पताल कर्मियों के हाथ-पैर फूल गए। अपनी जान बचाने और मामले को रफा-दफा करने की नीयत से, उन्होंने गंभीर रूप से बीमार महिला को तत्काल लखनऊ रेफर कर दिया। यह कदम तब उठाया गया जब महिला की जान पहले ही खतरे में आ चुकी थी। लखनऊ के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान, अत्यधिक और अनियंत्रित रक्तस्राव के कारण प्रसूता शहनूर ने दम तोड़ दिया।

​स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी, हुई कार्रवाई

​इस दुखद घटना की खबर फैलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही सांडा चौकी पुलिस टीम के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अधीक्षक डॉ. आनंद मित्रा तत्काल घटना स्थल पर पहुँचे। उन्होंने अस्पताल की स्थिति और ऑपरेशन से संबंधित कागजात की पड़ताल की।
​प्रसूता की मौत का मुख्य कारण ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव को माना जा रहा है, जिसकी वजह उस कथित ‘चिकित्सक’ की अनधिकृत और गैर-पेशेवर कार्यशैली रही होगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने देर न करते हुए अस्पताल को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

यह कार्रवाई अवैध रूप से चल रहे ऐसे अस्पतालों के खिलाफ एक बड़ी चेतावनी है, जो बिना उचित अनुमति, प्रशिक्षित स्टाफ और जीवन रक्षक उपकरणों के लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस मामले में आगे की कानूनी और विभागीय कार्रवाई जारी है, लेकिन एक परिवार ने इस ‘आयुष्मान’ अस्पताल की लापरवाही की भारी कीमत चुकाई है।

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