
- कड़ाके की ठंड में डीएम का सीएचसी तंबौर पर छापा
- लापरवाही पर गिरी गाज, सड़क और धान खरीद की शिकायतों का अंबार
सीतापुर। जिलाधिकारी राजागणपति आर ने 26 दिसंबर 2025 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तंबौर का अचानक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त भारी अनियमितताओं को पकड़ लिया। उनके इस औचक दौरे से पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया और कई कर्मचारियों पर तत्काल गाज गिरी। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती बेकार मिलने पर तबादले का आदेश, स्टोर रूम की अव्यवस्था पर फार्मासिस्ट पर गिरी गाज निरीक्षण के दौरान यह तथ्य सामने आया कि रेडियोलॉजिस्ट पवन कुमार की तैनाती तो थी, लेकिन सीएचसी पर उनसे संबंधित कोई भी मशीन या उपकरण उपलब्ध नहीं था, जिससे उनकी सेवा उपयोगिता शून्य थी। इस स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल पवन कुमार के स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए।
जिलाधिकारी ने स्टोर रूम का भी निरीक्षण किया, जहाँ औषधियों का समुचित रख-रखाव नहीं मिला। श्नियर-बाई एक्सपायरीश् दवाओं को अलग न रखना और स्टॉक संधारण में गंभीर लापरवाही पाए जाने पर मुख्य फार्मासिस्ट अखिलेश कुमार सोलंकी के विरुद्ध एक प्रतिकूल प्रविष्टि अंकित करने और उनका एक दिवस का वेतन काटने का निर्देश दिया गया। वार्ड/वार रूम में मिली अनियमितताओं के कारण स्टाफ नर्स श्वेता गुप्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उनका पंद्रह (15) दिवस का वेतन काटने का आदेश दिया गया।
साथ ही, भविष्य में पूर्ण दायित्व निर्वहन सुनिश्चित करने की चेतावनी दी गई। प्रसव की गुणवत्ता सुधारने का निर्देश, अनावश्यक रेफरल रोकने और कर्मचारियों की मॉनिटरिंग पर जोर जिलाधिकारी ने प्रसव सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सभी स्टाफ नर्सों को लेबर रूम में ऐपिजियोटोमी संबंधी प्रशिक्षण प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने फैमिली प्लानिंग काउंसलर को भी निर्देश दिया कि प्रसव के बाद पात्र दंपत्तियों को नसबंदी हेतु प्रभावी काउंसलिंग प्रदान की जाए। पीएनसी वार्ड में रोगियों के लिए निर्धारित आहार का मेन्यू प्रदर्शित न होने पर उसे स्पष्ट रूप से छापने और दीवार पर चस्पा करने का आदेश दिया गया। साथ ही, लैब के बाहर उपलब्ध सभी जाँचों की अद्यतन सूची को प्रमुखता से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी रोगी को अनावश्यक रूप से रेफर न किया जाए और उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप ही उपचार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं और सीएचओ के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग किए जाने पर भी बल दिया। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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