पत्रकार राघवेंद्र हत्याकांड : धान घोटाले का बड़ा नेटवर्क, प्रशासनिक अधिकारियों तक जुड़े हैं तार

Seema Pal

पत्रकार राघवेंद्र हत्याकांड : इस समय सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड ने सभी को हिला कर रख दिया है। सीतापुर में धान घोटाले को लेकर माफिया सक्रिय हैं। ये लोग किसानों से सस्ते दामों पर धान खरीदकर उसे मीलों में भेजते हैं और फिर इस पूरे खेल में प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप शुरू होता है। पत्रकार राघवेंद्र भी सीतापुर में इन्हीं माफियाओं के खिलाफ काम कर रहे थे। राघवेंद्र इन माफियाओं के घोटालों के पीछे के मास्टर माइंड का पर्दाफाश करना चाहते थे। लेकिन उससे पहले ही उनकी हत्या कर दी गई। राघवेंद्र की भ्रष्टाचार के खिलाफ ये लड़ाई अंजाम तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो गई। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले राघवेंद्र की आवाज खुदी ही शांत हो गई। शायद राघवेंद्र को भी ये पता नहीं था कि भ्रष्टाचार का नेटवर्क इतना लंबा है कि उसे खत्म करने की कोशिश करना उसे महंगा पड़ सकता है।

बता दें कि पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी दैनिक जागरण के लिए काम कर रहे थे। एक सच्चे और ईमानदार पत्रकार की जिम्मेदारी को समझते हुए राघवेंद्र ने धान और जमीन घोटाले से जुड़ी कई खबरें प्रकाशित की, जिसकी सजा उन्हे अपनी मौत देकर चुकानी पड़ी। इस हत्याकांड का असर राजनीति में भी पड़ा है। भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता दिवंगत पत्रकार के घर पहुंच रहे हैं। उनके परिजनों से न्याय दिलाने का आश्वासन भी दे रहे हैं। आज कांग्रेस यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी सीतापुर पहुंचे थे और राघवेंद्र के परिजनों से मिले। उन्होंने भी पुलिस से निष्पक्ष जांच करते हुए हत्यारों को पकड़ने की मांग की है। भाजपा नेता पहले से ही परिजनों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।

बता दें कि परिजनों ने दिवंगत पत्रकार के शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है और परिजन सुबह शव को हाईवे पर रखने के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और जांच में तत्परता दिखाते हुए जांच भी शुरू कर दी। पुलिस ने आज रविवार को बड़ा एक्शन लेते हुए राघवेंद्र हत्याकांड से जुड़े तीन लेखपाल और आठ संदिग्ध लोगों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस इन सभी लोगों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने इस हत्याकांड का मूल कारण धान और जमीन घोटाले को उजागर करना बताया है। जिसके लिए लगातार राघवेंद्र को जान से मारने की धमकियां मिल रही थी। राघवेंद्र ने कुछ दिन पहले ही अपनी जान को खतरा होने का संकेत दिया था। घोटाला की जानकारी उजागर न हो इसलिए राघवेंद्र की हत्या की साजिश रची गई। इस हत्याकांड में तहसील के एक अधिकारी के शामिल होने की भी जानकारी मिल रही है। फिलहाल कोई नाम अभी तक सामने नहीं आया है।

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र के हत्याकांड को लेकर पुलिस की जांच जारी है और इस हत्याकांड पर सभी की नजरें इस पर टिकी हुई हैं। देखना ये है कि राघवेंद्र बाजपेई के दोषियों को कब सजा मिलती है।

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