सीतापुर। लहरपुर कस्बे के भारत धर्मकांटे के प्लाट से संचालित लकड़ी के अवैध कारोबार से वसूली पर हमेशा से ही सत्ता से जुड़े लोगों का ही कब्जा रहा है। प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद ये खेल भाजपा के ही एक पूर्व नगर पदाधिकारी का कब्जा हो गया। जो ये बताने के काफी है, की इस वसूली का एक बड़ा हिस्सा सत्ता के गलियारों में भी जाता है। शायद यही वजह है, कि जिम्मेदार अधिकारी भी का पर लगाम लगाने में नाकाम रहे हैं।
बोले पूर्व विधायक जांच करा कर कराऊंगा कार्रवाई
लहरपुर में लकड़ी के अवैध कारोबार से प्रशासन के नाम पर अवैध वसूली का खेल कोई नया नहीं है। लंबे समय से वन विभाग व स्थानीय पुलिस के आला अधिकारियों के संरक्षण ये खेल चल रहा है। प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद कुछ उम्मीद जगी थी, की शायद अब इस अवैध कारोबार व वसूली पर रोक लगेगी। लेकिन सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते अब बदस्तूर चलता रहा।
प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद एक साल तक तो भाजपा के पूर्व नगर पदाधिकारी का इस खेल कब्जा रहा। लेकिन उसके बाद उन्हें इस वसूली के खेल से बेदखल कर इसकी बागडोर वन विभाग व पुलिस के चहेते लकड़कटटे को दे दी गई। जिसमे बाद किसी ने इस देखने की जुर्रत तक नहीं की। हालात ये है की वसूली की कमान हांथ में आने के बाद इसने तमाम ऐसे लोगो को का अवैध कारोबार से जोड़ लिया, जो लहरपुर इलाके में बेखौफ हरियाली पर आरा चला रहे है। स्थानीय प्रशासन महज मूकदर्शक बना देख रहा है।
क्या कहते हैं पूर्व विधायक
पूर्व भाजपा विधायक लहरपुर सुनील वर्मा कहते हैं कि सरकार की ओर से अधिकारियों को साफ तौर आदेश है, कि अगर इस तरह की कही अवैध कारोबार या वसूली हो रही तो सख्त कारवाई करे। ये स्थानीय पुलिस व एसडीएम की जिम्मेदारी बनती है। बावजूद इसके अगर कारवाई नहीं हो रही है,तो कहीं ना कहीं इन सबका संरक्षण जरूर है। नगर अध्यक्ष भाजपा लहरपुर रमेश बाजपेई कहते हैं कि इस सम्बन्ध में कई बार अधिकारियों से बात की गई। बताया गया कि छूट की लकड़ी आ रही है। प्लाट से अवैध वसूली के विरूद्ध कारवाई की लिए अपने जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों से बात करूंगा।