
- नहर के अंदर लोहे के पिलर और कंक्रीट का इस्तेमाल कर बना ली स्थायी दुकानें
Ataria, Sitapur : अटरिया नहर पर बढ़ता अवैध अतिक्रमण एक गंभीर समस्या बन गया है, जो न केवल पानी के प्राकृतिक बहाव को रोक रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों और खासकर स्कूली बच्चों के जीवन को भी खतरे में डाल रहा है। बनौगा का मार्ग तिराहे पर, कुछ फल विक्रेताओं और अन्य दुकानदारों ने नहर के अंदर ही लोहे के पिलर और कंक्रीट का इस्तेमाल कर स्थायी दुकानें बना ली हैं। इस मनमाने कब्जे से नहर का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से ढक गया है, जिससे जलप्रवाह में भारी बाधा आ रही है।
आम जनजीवन पर अतिक्रमण का दुष्प्रभाव
इस अवैध निर्माण से सबसे ज्यादा परेशानी उस वक्त होती है, जब एसआरके पब्लिक इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राएं छुट्टी के बाद अपने घर लौटते हैं। बड़ी संख्या में बच्चों के एक साथ निकलने पर, दुकानों के कारण रास्ता बेहद शकरा हो जाता है, जिससे भीड़ और अव्यवस्था फैलती है। ऐसे में, किसी भी बड़ी दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से इस समस्या पर लगातार अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते अवैध अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
नागेंद्र और पवन साहू पर गंभीर आरोप
स्थानीय लोगों के अनुसार, अटरिया के देवरिया गाँव निवासी नागेंद्र साहू और पवन साहू नाम के दो व्यक्तियों पर नहर की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से आअस्थाई दुकानें बनवाने का आरोप है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि वे सिर्फ खुद के लिए ही नहीं, बल्कि अपने परिवार के अन्य सदस्यों की भी दुकानें चलवा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस अवैध काम को अंजाम देने के लिए नहर विभाग के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों को भी ‘सुविधा शुल्क’ दिया जा रहा है।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग
इस गंभीर मामले को देखते हुए, स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप करने और इस अवैध अतिक्रमण को हटाने की मांग की है। उनकी यह अपील आम लोगों, खासकर छोटे स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
क्या बोले अटरिया नहर विभाग के अवर अभियंता
ओके समस्या को लेकर जब नहर विभाग के अवर अभियंता अरुण त्रिवेदी से बात की गई तो उन्होंने मामले को गोल-गोल करते हुए हुए कहां के अभी वह थोड़ा व्यस्त हैं और समय मिलेगा तो अवैध कब्जे को दिखाएंगे इससे साफ जाहिर होता है कि उक्त दुकानदारों के द्वारा नहर विभाग के अधिकारियों की जेबें गर्म की जा रही हैं सिक्कों की खनकार में उक्त अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते नजर आ रहे हैं।