
खैराबाद-सीतापुर। राम नवमी के अवसर पर खैराबाद स्थित श्री बिहारी जी बड़ा मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रदेश के कई जिलों से आए भक्तों ने दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। कार्यक्रम के आयोजनकर्ता और नगरपालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अभिषेक गुप्ता ने सभी भक्तों और अतिथियों का स्वागत किया व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
राम नवमी से पूर्व बिहारी जी के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई। यह विग्रह वर्षों से मंदिर में रखा हुआ था लेकिन प्रतिष्ठित नहीं किया जा सका था। इस अवसर पर नगर के मुख्य मार्गों से एक भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य यजमान अभिषेक गुप्ता (बबलू भैय्या) ने कहा कि आज खैराबाद की गलियां राम नाम से गूंज रही हैं।
भाजपा सरकार में ऐसे आयोजन और धर्म स्थलों का विकास संभव हो सका है। हम हर संभव सहयोग भक्तों को देते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस राम नवमी पर लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आए। भक्तों की सुविधा के लिए सभी मंदिरों में विशेष प्रबंध किए गए हैं। खैराबाद, अवध का एक ऐतिहासिक नगर है, जहां कई प्राचीन मंदिर आज भी अपनी ऐतिहासिकता और रहस्यमय मान्यताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। जरूरत है इन्हें संरक्षित कर इनकी गौरवगाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षेत्रीय अध्यक्ष, भाजपा अवध कमलेश मिश्रा, विधायक (देवरिया) शलभ मणि त्रिपाठी, जिला अध्यक्ष राजेश शुक्ल, रामेन्द्र अवस्थी, बाबा बजरंग मुनि, कुंवर बृजेश सिंह राजावत (ओरछा स्टेट), कुंवर दिनकर प्रताप सिंह (काशमंडा स्टेट) विकास हिन्दू (राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना), प्रशांत शुक्ला (आरएसएस प्रांत कार्यवाहक) सहित अनेक स्थानीय नेता, संतगण व भक्तगण मौजूद रहे।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व –
कहते हैं जब मुगल शासक अकबर का शासन था, तब भी वह इस मंदिर में माथा टेकने आया था। इसी ऐतिहासिक मान्यता के कारण आज भी यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र बना हुआ है। किसानी टोला में स्थित यह मंदिर सैकड़ों वर्षों से अपनी मूल स्थिति में मौजूद है। मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां भगवान को भूख लगने पर रोने जैसी आवाजें सुनाई देती हैं।
भक्तों का विश्वास है कि यदि कोई सच्चे मन से अर्जी लगाता है, तो उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। यह मंदिर उन माताओं के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है जिन्हें संतान नहीं होती। मान्यता है कि राम नवमी और कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर यहां अर्जी लगाने से संतान का वरदान प्राप्त होता है। कई महिलाएं यह अनुभव साझा करती हैं कि मंदिर में मनौती के बाद उनकी गोद भर गई।