
- प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई में बाधा बना अधूरा कोर्स
- प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर 5 तक आधी अधूरी पहुंची किताबें, कार्य पुस्तक गायब
बिसवां-सीतापुर। प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई का नया सत्र शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक पूरा कोर्स मुहैया नहीं हो पाया है। हाल यह है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को निशुल्क वितरित की जाने वाली किताबें आधी अधूरी ही वितरित की गई। जबकि जिम्मेदारों ने कागजों पर सब कुछ दुरुस्त कर रखा हैं। ऐसे में अब बच्चों को मिला आधा अधूरा कोर्स पढ़ाई चौपट कर रहा।
आपको बता दें कि बिसवां क्षेत्र के अधिकांश प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को निःशुल्क वितरण किए जाने वाले कोर्स में गड़बड़झाला का खुलासा हुआ है। कोर्स के वितरण में बच्चों को आधी अधूरी किताबें बांटी गई। जबकि शासन के सख्त निर्देश हैं कि कक्षा एक व दो के छात्रों को निपुण बनाया जाए इसके लिए विद्यालयो के अध्यापकों को लक्ष्य भी निर्धारित है नया सत्र शुरू हुए एक माह बीत चुका है स लेकिन निपुण छात्रों का कोर्स अब भी नदारद है। बिना कोर्स के छात्र अपनी पढ़ाई कैसे पूरी करें यह सवाल बना है।
नाम ना छापने की शर्त पर एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कक्षा एक में तीन विषय चलते है इसमें एक भी किताब नहीं मिली है। वही कक्षा दो में भी तीन विषय हिन्दी, अंग्रेजी व गणित चलते हैं तथा कार्य पुस्तिकाएं भी नहीं मिली। वही कक्षा तीन में कुल पांच किताबें और दो कार्य पुस्तिकाएं चलती है। इसमें सिर्फ दो किताबें हिन्दी एवं संस्कृत की मिली है।
बाकी तीन किताबें और दो कार्य पुस्तिकाएं नहीं मिली है। इसी तरह कक्षा चार में भी पांच किताबें चलती है, इसमें दो किताबें हिन्दी एवं अंग्रेजी की आई हैं। बाकी तीन किताबें और दो कार्य पुस्तिकाएं नहीं मिली है। इसी तरह कक्षा पांच में भी पांच किताबें और कार्यपुस्तिका चलती हैं। कक्षा पांच की तीन किताबें हिन्दी, अंग्रेजी एवं संस्कृत की किताबे पहुंची है। बाकी दो किताबें और कार्यपुस्तिका अभी तक नहीं मिली हैं।
ऐसे में विभागीय सूत्रों की माने तो डोर स्टेप डिलीवरी बीआरसी से विद्यालय तक अधूरी किताबें पहुंचा कर समस्त किताबों की रिसीविंग भी ले ली गई है। अब बच्चों को वितरित किए जा रहे आधे अधूरे कोर्स से पढ़ाई भी चौपट हो रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो यह बना हुआ है कि जब विद्यालयों में किताबें व कार्य पुस्तकाएं ही नहीं पहुंची है तो बच्चों का कार्य कैसे पूरा होगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस बाबत खण्ड शिक्षा अधिकारी बिसवां शिव मंगल ने बताया किताबें बांटी जा रही हैं एक गाड़ी किताबें रोज भेजी जाती है। 14 न्याय पंचायत में किताबें पहुंच गई हैं। दो न्याय पंचायतों में किताबें पहुंचना अभी बाकी है। एक वाहन मिला है उसी से किताबें भेज रहे हैं। मेरा लक्ष्य है एक सप्ताह में सारी किताबें पहुंच जाए।
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