
- 2013 में कस्बा व थाना पिसावां में हुई थी घटना
- पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मकान तोड़ने वाले दो लोगों को लिया था हिरासत में
Sitapur : जिले के कस्बा पिसावां में 11 जून 2013 को चौराहा पर स्थित एक मकान को जेसीबी मशीन से ध्वस्त करने के मामले में अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट संख्या 2 ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। न्यायाधीश विजय भान ने इस मामले में चारों आरोपियों को 2-2 वर्ष के कारावास और प्रत्येक पर ₹500 का आर्थिक दंड लगाया है। यह फैसला 15 अक्टूबर 2025 को पारित किया गया।
क्या था पूरा मामला?
घटना 11 जून 2013 की है, जब पिसावां चौराहा निवासी नत्थू गुप्ता पुत्र केदारी, उनके पुत्र सुनील व सुधीर गुप्ता और सेजकला निवासी रविंद्र ने मिलकर पिसावां चौराहा पर स्थित भवन स्वामी रामनरेश यादव के मकान को जेसीबी द्वारा तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दो लोगों को हिरासत में लिया था। यह भवन लंबे समय से एक बैंक के संचालन का केंद्र रहा था। ज्ञात हो कि रामनरेश यादव के पिसावां चौराहा से मिश्रिख रोड स्थित इस मकान में वर्ष 1982-83 से ग्रामीण बैंक संचालित हो रही थी।
भवन स्वामी के अनुसार, घटना के कुछ माह पूर्व ही बैंक द्वारा इस भवन को खाली किया गया था। बैंक अधिकारी ने भवन खाली करने से पहले इसकी सूचना भवन स्वामी रामनरेश यादव को लिखित रूप में दी थी।
साक्ष्यों के आधार पर फैसला
न्यायालय ने समस्त तथ्यों और विशेषकर बैंक द्वारा भवन खाली करने की लिखित सूचना जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्यों का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। साक्ष्यों के अवलोकन और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने माना कि आरोपियों ने दुर्भावनापूर्ण ढंग से यह कृत्य किया। इसी के आधार पर अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट संख्या 2 के न्यायाधीश विजय भान ने चारों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उपरोक्त कठोर दंडादेश पारित किया। यह फैसला संपत्ति के अधिकारों और कानून को अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति के विरुद्ध एक कड़ा संदेश देता है।
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