Sitapur : कटान पीड़ितों का छलका दर्द, मुख्य मार्ग किया जाम

  • लखनीपुर गांव का अस्तित्व खतरे में, सैकड़ों बीघा जमीन कटी
  • एसडीएम आकांक्षा गौतम ने ज्ञापन लेकर किया आश्वस्त

Tambaur, Sitapur : शारदा नदी के कटान पीड़ित सैकड़ों ग्रामीण कस्बे के रेउसा तिराहे पर बैठकर प्रशासन व सिंचाई विभाग के खिलाफ आक्रोश जताते हुए नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन में गांव की महिलाएं भी शामिल थीं। जानकारी होते ही थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे।

क्षेत्र में बह रही शारदा नदी बीते डेढ़ माह से सीमावर्ती गांवों में लगातार कटान कर रही है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित गांव लहरपुर तहसील के ब्लॉक बेहटा की मानपुर मल्लापुर ग्राम पंचायत का मजरा लखनीपुर है। यहां नदी पिछले डेढ़ माह से कहर बरपा रही है। गांव के दर्जनों बाशिंदों की सैकड़ों बीघा फसल, खेतिहर भूमि और पेड़ नदी की भेंट चढ़ चुके हैं। जमीन कटने के बाद अब नदी ने सीधे गांव को निशाना बना लिया है। नदी के खौफ से परेशान ग्रामीण लगातार प्रशासन और सिंचाई विभाग से गांव को कटान से बचाने की गुहार लगा रहे हैं। मजबूर होकर गुरुवार को ग्रामीण रेउसा मोड़ पर इकट्ठा हुए और धरना-प्रदर्शन के साथ नारेबाजी करने लगे।

जानकारी होने पर थाना प्रभारी, जो क्षेत्राधिकारी भी हैं, मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि जब तक जिले का कोई अधिकारी आकर नदी कटान से गांव को बचाने के लिए किनारे पर कार्य शुरू नहीं कराएगा, तब तक धरना जारी रहेगा। सूचना मिलने पर सीओ लहरपुर विशाल गुप्ता और नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी बात नहीं मानी।

आखिरकार, कटान पीड़ितों की मांग पर उपजिलाधिकारी आकांक्षा गौतम मौके पर आईं। उन्होंने ग्रामीणों को काफी समझाया और ज्ञापन लिया, जिसके बाद कटान पीड़ितों ने धरना समाप्त कर अपने गांव लौटने का निर्णय लिया।

एसडीएम ने किया गांव का भ्रमण
उपजिलाधिकारी आकांक्षा गौतम ने बताया कि लखनीपुर गांव का हमने पहले भी भ्रमण किया है। वहां कटान काफी तेजी से हो रहा है। कई किसानों की जमीनें कट चुकी हैं और अब आबादी के पास भी कटान शुरू हो गया है। सिंचाई विभाग ने आश्वस्त किया है कि जितना संभव होगा, युद्ध स्तर पर कार्य किया जाएगा ताकि आगे होने वाले कटान को रोका जा सके। कटान पीड़ितों की मांगें पूरी तरह स्वीकार हैं। उन्हें आश्वस्त करने के लिए हम सिंचाई विभाग को साथ लेकर मौके पर जा रहे हैं।

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