
- तेज धूप भी जिलाधिकारी की दृढ़ इच्छाशक्ति की भावना को नहीं डिगा सका 40 डिग्री पारा
- परियोजनाओं की गुणवत्ता का परीक्षण, अधिकारियों को समयबद्ध कार्यों के निर्देश
- दस किलोमीटर पैदल चला काफिला, पसीना-पसीना हुए अधिकारी
सीतापुर। गुरूवार को जिले का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस था। गांजर क्षेत्र की तपती रेत किसी रेगिस्तान से कम नहीं थी। उस पर अफसरों का एक काफिला बढ़ता ही जा रहा था। काफिला करीब दस किलोमीटर तक पैदल चला। सभी पसीना-पसीना हो रहे थे लेकिन एक कहावत है कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो बड़े से बड़े तूफान भी इरादा नहीं डिगा सकते। आज भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। भरी दोपहरी रेगिस्तान की तरह तपती गांजर में बाढ़ क्षेत्र की धरती, उस पर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद मामतहतों के साथ दौरा कर रहे थे। सभी पसीना से भीगे थे लेकिन मजाल किसी के भी चेहरे पर शिकन भी नाम-मात्र की हो।
दस किमी तक पैदल चल किया निरीक्षण
जनपद में आगामी बाढ़ सीजन से पूर्व तैयारियों की समीक्षा के उद्देश्य से जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने आज लहरपुर तहसील के तटीय क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सिंचाई विभाग द्वारा संचालित तटीय परियोजनाओं की गुणवत्ता का गहन परीक्षण किया और बाढ़ से पूर्व सभी कार्यों को पूर्ण करने के स्पष्ट निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। गाजर क्षेत्र की धूल भरी संकरी गलियाँ, तेज धूप और पसीने से भीगा शरीर भी जिलाधिकारी अभिषेक आनंद की दृढ़ इच्छाशक्ति और जनकल्याण की भावना को नहीं डिगा सके। लगभग 10 किलोमीटर के दुर्गम एवं संकरे मार्गों से गुजरते हुए जिलाधिकारी ने गाजर क्षेत्र में शारदा नदी परियोजना के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया।
पुरानी समस्या को जड़ से खत्म करने का उद्देश्य
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि हर वर्ष चार महीने तक बाढ़ के कारण यह क्षेत्र दुःख और परेशानी झेलता है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अब अधिक समय तक नहीं रहनी चाहिए। स्थानीय लोगों की वर्षों पुरानी समस्या को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि परियोजना का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन ही प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ष्जनता की खुशियाँ हमारी जिम्मेदारी हैं और बाढ़ के साए को इस क्षेत्र से हमेशा के लिए हटाना ही हमारा लक्ष्य है। स्थानीय नागरिकों ने जिलाधिकारी की संवेदनशीलता एवं तत्परता की सराहना करते हुए उनके इस प्रयास को ष्जनसेवा की मिसाल बताया।
ड्रेजिंग कार्यों का किया बारीकी से निरीक्षण
ज्ञातव्य है कि शारदा एवं घाघरा नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में प्रतिवर्ष बाढ़ आने से जान-माल की व्यापक क्षति होती है। विशेष रूप से गांजर क्षेत्र के कई गांव प्रभावित होते हैं, जिससे जनहानि, पशुहानि, बिजली आपूर्ति में बाधा, परिवहन अवरुद्ध होना तथा नागरिकों को रोजमर्रा के कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने ग्राम कोल्हूपुरवा में ड्रेजिंग कार्यों का निरीक्षण किया। यह ड्रेजिंग कार्य लगभग साढ़े चार किलोमीटर तक किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शारदा नदी की धारा को ग्राम कोल्हूपुरवा, देवपालपुर एवं बसंतापुर की दाहिंनी ओर से बाईं ओर शिफ्ट करना है, जिससे बाढ़ के प्रभाव को कम किया जा सके।
इसके अतिरिक्त ग्राम रतौली में संचालित स्टड परियोजना का भी निरीक्षण किया गया। इस परियोजना के अंतर्गत ग्राम नंदूपुरवा, गंगापुवा, रतौली एवं सुजाबाद को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की जाएगी। कुल लगभग आधे किलोमीटर क्षेत्र में 11 जियो बैग स्टड का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें से 8 पर कार्य प्रगति पर है। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई विशाल पोरवाल को निर्देशित किया कि समस्त कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं।
उन्होंने मौके पर मौजूद ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को भी सुना और त्वरित समाधान हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी लहरपुर आकांक्षा सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।