सीतापुर : 40 डिग्री तापमान में जांच करने पहुंचे जिलाधिकारी, बहता रहा पसीना और करते रहे निरीक्षण

  • 40 डिग्री तापमान भी नहीं डिगा सका डीएम का निरीक्षण
  • डीएम अभिषेक आनंद ने तपती दोपहरी में किया स्थलीय निरीक्षण
  • नैमिषारण्य में तीव्र गति से हो रहा है समग्र विकास

सीतापुर। नैमिषारण्य, जो न केवल एक पौराणिक तीर्थ क्षेत्र है बल्कि आध्यात्मिक चेतना का केंद्र भी है, आज अपने प्राचीन गौरव को पुनर्स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। नैमिष विकास परिषद के गठन के बाद यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विश्वस्तरीय सुविधाओं की स्थापना हेतु कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इन कार्यों की सतत निगरानी स्वयं जिलाधिकारी अभिषेक आनंद द्वारा की जा रही है, जो प्रशासनिक दृढ़ता और जमीनी सक्रियता के लिए विख्यात हैं।

भीषण तपिश में किया स्थलीय निरीक्षण, दिखाई गहन जिजीविषा

मंगलवार को 40 डिग्री का तापमान था। इतनी भीषण गर्मी के बावजूद जिलाधिकारी ने नैमिषारण्य के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया। पसीने से तरबतर होते हुए भी उन्होंने धार्मिक स्थलों, निर्माणाधीन परियोजनाओं और भावी योजनाओं का गहन निरीक्षण किया। उनके साथ अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नीतीश कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र मिश्रा, तहसीलदार अजीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

राजराजेश्वरी मंदिर के पास पहले से चयनित पार्किंग स्थल का निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान राजराजेश्वरी मंदिर के समीप पहले से चयनित पार्किंग स्थल की गाटा संख्या व नजरी नक्शे का अवलोकन किया गया। यह स्थल ट्रैक्टर-ट्राली, बसों और अन्य वाहनों के लिए विकसित किया जाएगा, जिससे तीर्थ क्षेत्र में यातायात व्यवस्था सुचारु बनी रहे।

चक्रतीर्थ के पास बन रहे यात्री निवास की सफाई पर विशेष निर्देश

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी चक्रतीर्थ के समीप बन रहे सार्वजनिक यात्री निवास भी पहुँचे। उन्होंने वहां पर खड़ी घास-फूस और अव्यवस्थित वातावरण को देखकर तत्काल साफ-सफाई के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को स्वच्छ और व्यवस्थित वातावरण मिले, यह प्राथमिकता होनी चाहिए।

भूमि मामलों में समन्वय से समाधान के निर्देश

कल्ली चौराहे से लेकर नैमिषारण्य तक की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने भूमि अधिग्रहण, सौंदर्यीकरण, सड़क चौड़ीकरण व यात्री सुविधाओं की प्रगति जानी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि भूमि विवादों का समाधान आपसी समन्वय व संवाद से हो, जिससे कोई कार्य अटकने न पाए।

स्थानीय सहभागिता से होगा नैमिष का नव निर्माण

उन्होंने बंजर व आरक्षित भूमि, दुकानों हेतु चिन्हित भूखंडों और मुआवजे आदि की स्थिति पर भी चर्चा की। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्थानीय लोगों के सहयोग व विश्वास से ही यह परियोजना सफल हो सकती है। सभी कार्य नियमानुसार, पारदर्शिता के साथ और समयबद्ध ढंग से पूर्ण किए जाएं।

नैमिष को मिलेगा वैश्विक पहचान का स्वरूप

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि नैमिषारण्य का सुनियोजित विकास न केवल धार्मिक महत्व को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि यह पर्यटन, रोजगार और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी वरदान सिद्ध होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में नैमिषारण्य एक वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित होगा।

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