Sitapur : विकसित भारत 2047 पर मंथन – जीडीपी ग्रोथ में प्रदेश से आगे, फिर भी सुधार की गुंजाइश

Sitapur : विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए सीतापुर में “शताब्दी संकल्प 2047” कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रमुख सचिव और नोडल अधिकारी पी. गुरुप्रसाद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, वैज्ञानिक और शिक्षाविदों सहित उद्यमियों, किसानों और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान जिले के विकास पर गहन विचार-विमर्श किया गया और सुझाव लिए गए।

सीतापुर की जीडीपी ग्रोथ यूपी से बेहतर
कार्यशाला में बताया गया कि सीतापुर की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर पूरे प्रदेश की औसत वृद्धि दर से अधिक है। 2017-18 की तुलना में सीतापुर की जीडीपी में 79.46% की वृद्धि हुई, जबकि इसी अवधि में प्रदेश की वृद्धि 57.15% रही। यह दर्शाता है कि जिले ने विकास की राह पर तेजी से कदम बढ़ाए हैं।

कृषि और उद्योग में जबरदस्त प्रगति

गेहूं और चावल उत्पादन: गेहूं का उत्पादन 30.5% से बढ़कर 43.35% और चावल का उत्पादन 22.5% से बढ़कर 30.50% हुआ।

गन्ना और एथेनॉल: पिछले आठ वर्षों में गन्ना उत्पादन प्रति हेक्टेयर 709 क्विंटल से बढ़कर 815 क्विंटल हो गया, जो 13% की वृद्धि है। साथ ही, 350 किलो लीटर एथेनॉल का उत्पादन भी किया गया।

निवेश: प्लाईवुड उद्योग में ₹1500 करोड़ का निवेश हुआ। सरकार की “एक जनपद एक उत्पाद” योजना से जिले के उद्योग को भी काफी लाभ हुआ।

डेयरी और मत्स्य पालन: दुग्ध उत्पादन में 6.8% और अंडा उत्पादन में 48.56% की वृद्धि हुई, जबकि मत्स्य उत्पादन दोगुना हो गया।

सुधार के लिए दिए गए सुझाव
नोडल अधिकारी पी. गुरुप्रसाद ने कहा कि सीतापुर में विकास की असीम संभावनाएं हैं, खासकर राज्य राजधानी क्षेत्र में शामिल होने के बाद। उन्होंने उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की बात कही, जहां जिले की प्रगति प्रदेश के औसत से कम है। इनमें शहरीकरण की दर, सेवा क्षेत्र, साक्षरता दर और हाउसिंग शामिल हैं। उन्होंने नैमिष क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए भी उचित रणनीति बनाने पर जोर दिया।

ऑनलाइन सुझाव देने की अपील
सेवानिवृत्त आईएएस प्रवीर कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत क्यूआर कोड और एक विशेष पोर्टल के माध्यम से भी लोग अपने सुझाव दे सकते हैं। बेहतरीन सुझाव देने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने सभी से अनुरोध किया कि वे विकसित यूपी के सपने को साकार करने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा करें।

मौजूद अधिकारी
कार्यशाला में शासन से नामित प्रबुद्धजन सेवानिवृत्त आईएएस प्रवीर कुमार, सेवानिवृत्त आईएफएस महेन्द्र प्रताप सिंह, सेवानिवृत्त कुलपति गोरखपुर विश्वविद्यालय विजय कुष्ण सिंह, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक अतुल सिंह, सेवानिवृत्त प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग विनोद कुमार निरंजन, सेवानिवृत्त आईएएस एवं नीति आयोग के पूर्व सदस्य अनिल कुमार श्रीवास्तव, शैलेन्द्र त्रिपाठी (नियोजन विभाग, लखनऊ), जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, सीडीओ प्रणेता ऐश्वर्या, अपर जिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी संतोष नारायण गुप्ता, डीसी मनरेगा चंदनदेव पांडेय सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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