
सीतापुर। गाँव-गाँव में काम की गारंटी देने वाली सबसे बड़ी योजना मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलने की खबरें सीतापुर की ग्राम पंचायतों तक भी पहुँच गई हैं, जिससे हड़कंप मच गया है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार इस योजना को अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार योजना (PBGRY)’ नाम देने की तैयारी में है। यह महज़ नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी भी है। अगर कैबिनेट इस बदलाव को हरी झंडी दे देती है, तो सीतापुर के मज़दूरों को 100 दिन के बजाय पूरे 125 दिन का काम गारंटी के साथ मिलेगा।
सीतापुर की किस्मत बदलने वाला बजट
नाम के साथ ही योजना का बजट भी आसमान छूने वाला है। इस नई ‘पीबीजीआरवाई’ योजना के लिए लगभग $1.51 लाख करोड़ का विशाल बजट आवंटित करने की बात चल रही है। सीतापुर जैसे ज़िलों के लिए यह रकम बड़ी उम्मीद लेकर आएगी, जिससे यहाँ के विकास कार्यों में तेज़ी आएगी और मज़दूरों की जेबें और भरी जा सकेंगी।
‘पूज्य बापू बिल 2025’: नई उम्मीद की दस्तक
सरकार इस पूरे बदलाव को कानूनी जामा पहनाने के लिए ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार गारंटी बिल 2025’ के नाम से एक नया विधेयक संसद में पेश करने जा रही है। सीतापुर के ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम ग्रामीण रोज़गार को सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि एक नई पहचान देगा, जिससे मज़दूर वर्ग की आय में इज़ाफा होगा और पलायन भी रुकेगा।
स्थानीय मज़दूरों में 125 दिन के काम की खबर से ख़ुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि यह उन्हें साल भर में 25 दिन की अतिरिक्त मजदूरी देगी।










