
- एडी बेसिक को बनाया गया जांच अधिकारी
- सहायक अध्यापिका को किया निलंबित, छात्रों ने काटा हंगामा
Sitapur : बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह पर प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा द्वारा किए गए हमले के चर्चित मामले में कई नए घटनाक्रम सामने आया है। शासन ने इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ से विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और इसके लिए एडी बेसिक को जांच अधिकारी भी नियुक्त कर दिया गया है। वहीं इसी घटनाक्रम में आज भी विद्यालय के छात्र पढ़ने के लिए स्कूल नहीं गए। बताया जाता है कि क्षेत्रीय विधायिका आशा मौर्या ने वहां पहुंच कर विद्यालय का ताला खुलवाया। इस दौरान बच्चे नारेबाजी करते रहे।
क्या है पूरा मामला यह घटना मंगलवार, 23 सितंबर 2025 की दोपहर लगभग 4 बजे सीतापुर के बीएसए कार्यालय में हुई थी। बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने प्राथमिक विद्यालय नदवा, महमूदाबाद विकासखंड के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को उनकी लापरवाही और शिकायतों के संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए कार्यालय बुलाया था।
बातचीत के दौरान विवाद बढ़ गया और बृजेंद्र वर्मा अचानक आगबबूला हो गए। गुस्से में उन्होंने अपनी कमर से बेल्ट निकाली और बीएसए पर एक के बाद एक कई वार किए। आरोपों के मुताबिक, प्रधानाध्यापक ने बीच-बचाव करने आए क्लर्क प्रेम शंकर मौर्या के साथ भी मारपीट की, बीएसए का फोन छीनकर तोड़ दिया और सरकारी कागजात फाड़ दिए। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसके फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। बीएसए की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को हिरासत में ले लिया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में उन्हें निलंबित भी कर दिया गया।
सहायक अध्यापिका को किया गया निलंबित
इस प्रकरण को लेकर विवाद की जड़ बनी प्राथमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका अवन्तिका गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि सहायक अध्यापिका अवन्तिका गुप्ता के अनुपस्थित रहने की शिकायत मिली थी। जिसकी जांच की गई तो सही पाया गया। वह 21 अगस्त से 20 सितंबर तक अनुपसिथत रही है। जिस पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
क्षेत्रीय विधायिका ने खुलवाया स्कूल का ताला
बताया जाता है कि प्रकरण के आज तीसरे दिन बच्चों ने स्कूल जाने से मना कर दिया। वहीं छात्रों ने स्कूल के बाहर जमा होकर हंगामा काटा और नारेबाजी की। जब बच्चों से स्कूल के अंदर ना जाने के विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब तक उनके गुरूजी बृजेन्द्र वर्मा नहीं आ जाएंगे तब तक वह पढ़ने नहीं जाएगे। इसके बाद क्षेत्रीय विधायिका आशा मौर्या वहां पहुंवी और उन्होंने स्कूल का ताला खुलवाया लेकिन कोई भी बच्चा अंदर नहीं गया।










