सीतापुर : जिले के रामकोट के नागेश्वर धाम में आयोजित सप्त दिवसीय रूद्र महायज्ञ महोत्सव का चौथा दिन था, जिसमें श्रीधाम वृंदावन से पधारे स्वामी विष्णु कुमार दत्तात्रेय के निर्देशन में रामलीला का मंचन किया गया। इस अवसर पर ब्रजवासी कलाकारों द्वारा “राम जन्म, नामकरण” प्रसंग का मंचन किया गया, जिसमें भगवान राम के जन्म से संबंधित घटनाओं का चित्रण किया गया।
राम जन्म के प्रसंग में दिखाया गया कि रावण के अत्याचार बढ़ने पर देवताओं ने भगवान विष्णु का स्मरण किया और भगवान नारायण ने देवताओं को आश्वस्त किया। इसके बाद, राजा दशरथ अपनी संतान की चिंता में गुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं, जहाँ वे पुत्रेष्टि यज्ञ करने का मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। यज्ञ के बाद, अग्निदेव प्रकट होते हैं और राजा दशरथ को हवि प्रसाद देते हैं, जिससे उन्हें चार पुत्रों की प्राप्ति होती है। फिर गुरु वशिष्ठ द्वारा उन चारों का नामकरण किया जाता है, और नाम होते हैं – राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न।
कार्यक्रम के दौरान जय श्री राम के उद्घोषों के साथ पांडाल में भक्तिपूरित वातावरण बन गया। साथ ही, महायज्ञ के अंतर्गत बसंत पंचमी के अवसर पर छह ब्रह्मचारियों का यज्ञोपवीत संस्कार भी विधिपूर्वक संपन्न हुआ।
यह आयोजन धार्मिक उत्साह और भक्ति के माहौल से भरपूर था, जिसमें आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।