सीतापुर : जलमग्न हुई गोशाला, गोवंशों की दुर्दशा कोई नहीं पूछने वाला

जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते तालाब बन गई सकरन की बगहाढाक गौशाला

सीतापुर। सकरन गौवंशी पशुओ के व्यवस्थित रहने खाने और उनके संरक्षण के लिए बेहतर तरीके के इंतजाम का निर्देश दिए जाने के बावजूद भी जिलाधिकारी की शक्ति का असर सकरन में होता नहीं दिख रहा है। सकरन की बगहाढाक गौशाला बेसहारा गोवंशीय पशुओं के लिए किसी यातनाशाला से कम नहीं है। यहां करीब दो सैकड़ा गौवंश संरक्षित हैं। गौशाला में पशुओं को तरह-तरह की यातनाओं से गुजरना पड़ रहा है। सूखा भूसा भी नहीं होता नसीब ब्लॉक स्तर पर बैठे विभागिय जिम्मेदारों की लापरवाही से जहां एक तरफ गौवंशीय पशुओं को रूखा सूखा चारा भी नसीब नहीं हो पा रहा था

प्रधान व पंचायत सचिव की लापरवाही से गौशाला में भूख से मर रहे गोवंश

वही जिसके अभाव में गौशाला में संरक्षित गौवंश आए दिन भूख प्यास से तो मर ही रहे थे परंतु विकासखंड में लगातार हुई बारिश के बाद जिम्मेदारों की ओर से गौशाला में पानी की निकासी का समुचित प्रबंध न कराये जाने की कारण पानी से जलमग्न हुई सकरन की बगहाढाक गौशाला मे गौवंशी पशुओं को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह हाल सिर्फ सकरन कि बगहाढाक गौशाला का ही नहीं है यहां पर संचालित अन्य आठ गौशालयों की स्थिति भी बद से बद्तर से बनी हुई है जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते समूचे विकासखंड में संचालित गौशालाओं में बड़े पैमाने पर गौवंशी पशु काल के गाल में समा रहे हैं परंतु जिम्मेदारों की ओर से कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जलमग्न हुई गोशाला, कोई नहीं पुरसाहाल

गौशाला में भूख प्यास से मर रहे गौवंशों के एक बार पुनः जलमग्न हुई गौशाला में जीवन यापन को लेकर संकट उत्पन्न हो गया है। मामले में विभागीय जिम्मेदारों की उदासीनता सामने आई है कि आखिर बरसात का मौसम होने के बावजूद भी जल निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। जलमग्न हुई गौशाला में बीमार व भूख प्यास से व्याकुल हो अचेत हो चुके गौवंशी पशु के रहने और खाने की कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं हालांकि जिम्मेदारों की ओर से गौशाला में पंपिंग सेट लगाकर गौशाला में भरे पानी को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

पूर्व में भी अचेत हो चुके हैं गोवंश

ज्ञात हो किं पूर्व में भी सकरन की इसी गौशाला में भूख और प्यास से अचेत हो चुके गौवंशी पशुओं के इलाज को लेकर बजरंग दल के द्वारा प्रदर्शन भी किया गया था वहीं जानकारी पाकर नायब तहसीलदार बिसवां, कोतवाली से पुलिस बल और पशु चिकित्साधिकारी सांडा डॉ राजेश प्रसाद मौके पर पहुंचे थे। जिन्होंने भूख प्यास से मरणासन्न हो चुके गोवंश का उपचार भी किया था। यहा पशुओं की हालत देख सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। गौशाला में छाया के लिए ट्री गार्ड बनवाकर वृक्षारोपण कराए जाने के साथ पशुओं को समुचित चारा पानी की की व्यवस्था कराते जलमग्न हुई गौशाला से गौवंशी पशुओं को संरक्षित किए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। लेकिन जिम्मेदारों को अब गौवंश के जीवन से शायद कोई लेना-देना नहीं बचा है। नही तो कभी आलाधिकारी भी गौशाला में गोवंश का हाल देखने जरूर जाते।

क्या कहते हैं सीडीओ

मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी अक्षत वर्मा से से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गौशालाओं में बेहतर व्यवस्था को लेकर अधीनस्थों को सख्त निर्देश दिए गए हैं फिर भी यदि किसी की ओर से लापरवाही बरती जा रही है तो प्रकरण की जांच कराते हुए संबंधित व्यक्ति पर कठोर कार्यवाही की जाएगी शासन की मंशा के विपरीत कार्य करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर बक्सा नहीं जाएगा।

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