Sitapur : जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में ‘साहब’ की मनमानी पर लगा ब्रेक

  • सीतापुर में परियोजना निदेशक के आवास तथा मनरेगा के वित्तीय अधिकार पर लगा प्रतिबंधित
  • राज्य स्तर से डोगल किया गया डिलीट
  • पीडी अनिल चौधरी की मनमानी पर आयुक्त ग्रामीण विकास हुए आगबबूला

Sitapur : सीतापुर जिले में उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास आयुक्त का कार्यालय ग्राम्य विकास अभिकरण, जनपद सीतापुर में पदस्थ परियोजना निदेशक अनिल कुमार चौधरी की कार्यप्रणाली पर बुरी तरह भड़क उठा है।

दिनांक 09 दिसंबर, 2025 को जारी कार्यालय आदेश में, श्री चौधरी पर अपने पर्यवेक्षणीय कार्यों में शिथिलता बरतने का सीधा आरोप लगाया गया है। यह आदेश सीतापुर के मुख्य विकास अधिकारी द्वारा 30 अगस्त, 2025 को भेजी गई सूचना के संदर्भ में आया है।

सूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 875 और मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 1902 आवास अभी भी निर्माण के चरण में हैं, और यह स्थिति कतई संतोषजनक नहीं है। मामला तब और बिगड़ गया जब परियोजना निदेशक चौधरी ने आयुक्त कार्यालय के पत्रों, दिनांक 06 सितंबर, 2025 और 11 नवंबर, 2025, के माध्यम से माँगे गए स्पष्टीकरण को 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत नहीं किया। इस पर आयुक्त कार्यालय ने साफ शब्दों में कहा है कि यह श्री चौधरी की स्वेच्छाचारिता और आदेशों की घोर अवहेलना का परिचायक है।

उच्च अधिकारियों ने इस रवैये को कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता, अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता का स्पष्ट द्योतक माना है। नतीजतन, अनिल कुमार चौधरी के विरुद्ध कड़ा एक्शन लेते हुए, उनके वित्तीय अधिकार, आवास और मनरेगा से संबंधित अधिकारों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है, और उन्हें डोगल स्तर से रिलीव करने का निर्देश दिया गया है। यह तीखी कार्रवाई दर्शाती है कि उच्च अधिकारी अब कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई, आदेशों की अनदेखी, और मनमानी को बिलकुल भी बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।

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