
सीतापुर। महोली कस्बा के मारे गए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड में हुए खुलासा पर सवालिया निशान लगाते हुए एपजा ने आज जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हत्याकांड की निष्पक्ष जांच, परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। दोपहर बाद तक अफसरों से बातचीत का कोई ठोस नतीजा न निकलने पर पत्रकारों ने लालबाग चौराहे को जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की।
मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने पीड़ित परिवार और संगठन के प्रतिनिधियों से बातचीत की और कार्रवाई के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने जाम और धरना समाप्त कर दिया।
आपको बताते चलें कि पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की 8 मार्च को उस वक्त हत्या कर दी गई थी ज बवह अपनी बाइक से सीतापुर आ रहे थे। उसके बाद खूब धरना प्रदर्शन हुए और अंतत तत्कालीन एसपी चक्रेश मिश्र के द्वारा कारेदेव मंदिर के महंत समेत तीन लोगों को जेल भेज दिया था। इस खुलासा पर शुरू से ही पुलिस पर सवालिया निशान लग रहे थे।
इसी परिपेक्ष्य में एपजा द्वारा मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित धरना स्थल पर सैकड़ों पत्रकार और मीडिया संगठन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। धरने का नेतृत्व एपजा संगठन के चेयरमैन रविन्द्र मिश्रा ने किया। पत्रकारों की मांग थी कि 8 मार्च को हुई हत्या के मामले में सीबीआई जांच कराई जाए। 50 लाख का मुआवजा दिलाया जाए।

दोपहर तक सभी धरना स्थल पर बैठे रहे। इस दौरान पहले सिटी मजिस्ट्रेट गए लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद सभी पत्रकार लालबाग चौराहा पर पहुंचे और धरना प्रछर्षन करते हुए जाम लगा दी। जानकारी पाते ही मौके पर एसपी अंकुर अग्रवाल, एडीएम, शहर कोतवाल आदि जा पहुंचे।
उन्होंने एक सप्ताह का समय मांगा। जिस पर पत्रकारों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन फिर से किया जाएगा। इस दौरान एएसपी उत्तरी आलोक सिंह, सीओ सिटी, सीओ सदर सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा। धरना के दौरान मृतक पत्रकार के परिजन भी मौजूद रहे।