
- अब डीएम-एसपी का चलेगा शरारती तत्वों तथा सक्रिय संगठनों पर कार्रवाई का हंटर
- शरारती तत्व तथा समाज विरोधी संगठन सक्रिय
- भोले-भाले लोगों को बहकावे में लेकर उकसाते हैं संगठन
- डीएम तथा एसपी की नजरें हुई तिरछी, कार्रवाई की तैयारी
सीतापुर। ऐसे लोग कार्रवाई को तैयार हो जाएं जो संगठन की आंड़ में भोले-भाले ग्रामीणों को बहाल फुसला कर उन्हें उकसाते हैं मूर्ति स्थापित कराते है। इसके बाद पत्थरबाजी जैसी घटनाओं तथा धर्म परिर्वतन कराने जैसी घटनाओं को अंजाम देते है। ऐसे लोगों को सीतापुर पुलिस विभाग तथा प्रशासनिक अमला चिन्हित कर रहा है। जिन पर शीघ्र ही डीएम तथा एसपी की कार्रवाई का हंटर चलने वाला है।
आपको बताते चलें कि सीतापुर जिले में थाना पिसावां क्षेत्र में बिना अनुमति लिए मूर्ति स्थापित की जा रही थी जब पुलिस और प्रशासनिक अमला ना इसका विरोध जताया तो उन पर पथराव किया गया। जिसमें कई थानों के पुलिस अधिकारी तथा कर्मचारी घायल हुए। रिपोर्ट दर्ज हुई तो सभी गिडगिडाने लगे और खुद को अशिक्षित बताकर कार्रवाई ना करने की दुहाई देने लगे। वहीं जिले में धर्म परिर्वतन कराने के कई मामले भी सामने आ चुके है। जिसमें पुलिस कई लोगों को जेल भी भेज चुकी है। इतना ही नहीं सीतापुर के विकास हिन्दू तथा बजरंग दल के लोग भी धर्म परिर्वतन कराने वालों के खिलाफ ताल ठोंके हुए है। मगर अब इस पर प्रशासन और पुलिस विभाग ने और भी सख्त उठा लिए है।
डीएम अभिषेक आनंद तथा एसपी चक्रेश मिश्र ने ऐसे सभी लोगों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है जो कि शरारतीतत्व हैं समाजिक संगठन की आड़ में भोलेभाले ग्रामीणों को बहकाकर और उकसा कर उनसे गलत कार्य कराते है। जिससे जिले में कानून व्यवस्था की छवि घूमिल हो। दोनों अधिकारियों ने बताया कि ऐसे लोगों का चिन्हीकरण शुरू कर दिया गया है जो कि सामाजिक संगठनों की आड़ में ग्रामीणों को बहकाकर गलत कार्य कराते है।
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया कि जनपद सीतापुर में यह भी संज्ञान में आया है कि कतिपय शरारती तत्वों तथा समाज विरोधी संगठनों द्वारा भोले भाले ग्रामीणों को बिना उचित अनुमति लिए मूर्ति स्थापित करने हेतु उकसाया जा रहा है। ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। सभी से अपील है कि आप ऐसे शरारती तत्वों के बहकावे में ना आएं और यदि कोई मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो जिलाधिकारी/उप जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन करें। शासन से अनुमति मिलने पर ही अग्रिम कार्यवाही करें।
बिना अनुमति के मूर्ति की ना करें स्थापना
उच्चतम न्यायलय के आदेश और 2008 के शासनादेश 25च के अनुसार बिना शासन से अनुमति प्राप्त किए किसी सार्वजनिक स्थान जैसे सरकारी भूमि, ग्राम पंचायत भूमि अथवा निजी भूमि पर किसी महापुरुष अथवा देवी देवता की मूर्ति स्थापित करना अवैध है। यदि किसी व्यक्ति के द्वारा महापुरुषों की मूर्ति अवैधानिक रूप से स्थापित की जाती है तो उक्त मूर्ति को प्रशासन व पुलिस द्वारा ससम्मान हटाया जाएगा और स्थापित करने वाले व्यक्तियों पर एफ आई आर लिखकर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।