सीतापुर: जिले में 16 शिक्षकों को किया गया बर्खास्त, ज्वाइनिंग के बाद से ही संदिग्ध थे ये सभी शिक्षक

  • अभी 700 शिक्षकों का होना है भौतिक सत्यापन
  • जुलाई 2024 में 1103 को दिया गया था नियुक्ति पत्र

सीतापुर। जुलाई वर्ष 2024 में जिले के अंदर जिन परिषदीय विद्यालयों में 1103 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी उनमें से 16 शिक्षक फर्जी पाए गए है। जिन्हें तत्काल प्रभाव से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बर्खास्त कर दिया है। उन पर ज्वाइनिंग के बाद से ही शिक्षा विभाग को फर्जी होने का श्क था क्योंकि उनके शैक्षिक कागजात तथा डिग्रियां आन लाइन सर्वे में ही मेल नहीं खा रहीं थी जिससे उन्हें वेतन ही नही दिया जा रहा था।

आपको बताते चलें कि पूरे प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 12465 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। जिसके तहत जिले में 1103 शिक्षकों की नियुिक्त बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा की गई थी। ज्वाइनिंग के बाद से इन लोगों के प्रमाण पत्र तथा डिग्रियांे का आन लाइन एवं भौतिक सत्यापन कराया जा रहा था। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि इन 16 शिक्षकों की डिग्रियों पर पहले से ही शक हो रहा था क्योंकि इनकी डिग्रियां आन लाइन सर्वे में ही मेल नहीं खा रहीं थी।

जिसके बाद इन लोगों की जब जांच की गई तो कहीकत सामने आ गई। भौतिक सत्यापन में पूरी पोल पटटी खुल गई और इन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। सभी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है तथा कराया जा रहा है।

नहीं निकाला गया था वेतन –

उन्होंने बताया कि जिन 1103 शिक्षकों की भर्ती हुई थी उनमें से जब जिन शिक्षकों की डिग्रियां सही पाई गई केवल उन्हीं का वेतन दिया जाने लगा था। उन्होंने बताया कि अभी भी 700 ऐसे शिक्षक हैं जिनका भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया है। इन लोगों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।। आनलाइन सर्वे सभी का हो गया है।

अलीगढ़ तथा मथुरा की निकल रहीं फर्जी डिग्रियां –

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि अब जो 16 शिक्षक फर्जी निकल कर सामने आए हैं उनमें से अधिकतर अलीगढ़ तथा मथुरा क्षेत्र की डिग्रियां है। अब तक जिले में उन थानों में उक्त फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है जहां जहां उनकी तैनाती थी।

मचा हुआ है हड़कंप –

जब से जिले में 16 फर्जी शिक्षक पाए गए है तब से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि जिन 700 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का अभी तक भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया है उनके मनों में भी कहीं ना कहीं शंकाएं पैदा हो रही है हालांकि ऐसा जरूरी भी नहीं कि अब ऐसे शिक्षक और हो लेकिन इसकी सत्यता तो भौतिक सत्यापन के बाद ही निकल कर सामने आएगी।

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