‘सर, कंकड़ गिर रहे हैं…छत गिरने से पहले मिली थी चेतावनी, लेकिन टीचर नाश्ते में थे व्यस्त…स्कूल हादसे में 5 टीचर और अफसर सस्पेंड

राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से दर्दनाक हादसा सामने आया है. चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चों ने पहले ही टीचर्स को बताया था कि छत गिरने वाली है, लेकिन शिक्षकों ने उन्हें डांटकर बैठा दिया. हादसे में कई छात्र घायल हुए और एक बच्ची की मौत हो गई. घटना के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए 5 शिक्षकों और एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है, अब लापरवाही पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोड गांव में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया. सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की जर्जर छत ढहने से सात मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि दर्जनभर से अधिक घायल हो गए. हादसे से पहले बच्चों ने शिक्षकों को चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी गंभीर बात को नज़रअंदाज़ कर दिया गया.

प्रत्यक्षदर्शियों और छात्रों के मुताबिक, जब बच्चों ने शिक्षकों को छत से कंकड़ गिरने की जानकारी दी, तो उन्हें डांटकर चुप करा दिया गया. शिक्षक उस वक्त नाश्ते में व्यस्त थे और बच्चों से कक्षा में लौटने को कह दिया. कुछ ही पलों बाद छत ढह गई और मासूम बच्चे मलबे में दब गए.

नाश्ते में व्यस्त रहे शिक्षक बच्चों की चेतावनी को किया इग्नौर?

हादसे से पहले छात्रों ने बार-बार शिक्षकों से कहा कि छत से कंकड़ गिर रहे हैं, लेकिन उन्हें डांटकर बैठा दिया गया. एक छात्र ने बताया, छत से कंकड़ गिर रहे थे। जब बच्चों ने शिक्षकों को बताया, तो उन्होंने डांट दिया और नाश्ता करते रहे. अगर बच्चों को बाहर निकाल लिया जाता, तो यह हादसा नहीं होता. इस दौरान शिक्षक वहीं पास में बाहर नाश्ता कर रहे थे, जबकि कक्षा 1 से 8 तक के छात्र प्रार्थना सभा के लिए इकट्ठा थे. तभी अचानक दीवार और छत ढह गई. 

गांव वालों ने मलबे से निकाले बच्चे

जब छत गिरी, तो कई बच्चे जान बचाकर इधर-उधर भागे, लेकिन कई दब गए. स्थानीय ग्रामीणों ने बिना देरी किए बचाव अभियान शुरू किया और मलबे से बच्चों को बाहर निकाला। घायलों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जैसे ही प्रशासन को हादसे की जानकारी मिली, पांच शिक्षकों को आपराधिक लापरवाही के तहत निलंबित कर दिया गया. जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि इस स्कूल की स्थिति के बारे में जून में निर्देश जारी किए गए थे कि किसी भी जर्जर स्कूल में बच्चों को न बैठाया जाए. लेकिन स्पष्ट रूप से शिक्षकों ने लापरवाही की. जांच कमेटी बनाई गई है और रिपोर्ट के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पूर्व मुख्यमंत्री और नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हादसे को बेहद दुखद बताया और ट्वीट किया, पिपलोड, मनोहरथाना के स्कूल भवन में हुआ हादसा अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। मासूम बच्चों की जान चली जाना बेहद हृदयविदारक है. वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने घटना पर दुख जताते हुए सरकार पर निशाना साधा कि बीजेपी सरकार को 1.5 से 2 साल हो गए हैं, फिर भी स्कूलों की मरम्मत नहीं कराई गई। शिक्षा मंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। जो जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

स्कूल की हालत पहले से थी खराब, फिर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल की हालत पहले से ही जर्जर थी. दीवारें कमजोर थीं और छत में दरारें थीं.हमने कई बार शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई,” एक छात्र के परिजन ने बताया कि , राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। साथ ही सभी जिलों में जर्जर स्कूल भवनों की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें.

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