साहब में जिंदा हूँ…. कागजो में मार कर जालसाझो नें हड़प ली बेश कीमती जमीन,

पीड़ित वृद्ध जिंदा होने के अधिकारियों को दे रहा सबूत

मैनपुरी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दलितों की जमीन को रसूखदारों और भूमाफियाओ से बचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। लेकिन इसके बावजूद कुछ प्रभावशाली लोग अब भी नये-नये हथकंडे अपनाकर गरीब और दलित वर्ग की भूमि हड़पने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला मैनपुरी जिले के करहल तहसील क्षेत्र से सामने आया है,जहाँ एक जिंदा व्यक्ति को मृत दिखाकर उसकी जमीन फर्जी वसीयत के ज़रिए हड़प ली गई है। अब पीड़ित दलित वृद्ध अधिकारियों के अपने जिंदा होने का प्रमाण दे रहा है।

मामला करहल तहसील के ग्राम गम्भीरा का है। यहाँ के रहने वाले नरेश चंद्र ने जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी करहल को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि वह फिलहाल अहमदाबाद में रहते हैं, लेकिन सरकारी अभिलेखों में उन्हें मृत दर्शाकर उनकी जमीनें दूसरों के नाम करा दी गईं। पीड़ित का कहना है कि ग्राम गम्भीरा और ग्राम कुतुबपुर बुजुर्ग की उनकी कीमती जमीन को फर्जी वसीयत के आधार पर कब्जा कर लिया गया है। शिकायत में नरेश चंद्र ने आरोप लगाया है कि नीता देवी, जो कि अधिवक्ता रनवीर सिंह (करहल तहसील) की पत्नी हैं, ने अभिलेखों में अपना नाम दर्ज कराकर पूरी जमीन अपने नाम करा ली।
पीड़ित नरेश चंद्र ने अवैध आदेश को निरस्त करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पक्ष से संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
अब देखना होगा कि जांच के बाद आखिर इस फर्जीवाड़े में शामिल कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और क्या वास्तव में कागजों में मृत कर दिए गए जिंदा पीड़ित को न्याय मिल पाएगा या नहीं।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

इस पूरे मामले पर एसडीएम करहल सुनिष्ठा सिंह का कहना है कि “जिंदा व्यक्ति को मृत दिखाकर जमीन हड़पने का मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है, तथ्य सामने आने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।”

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें