कांग्रेस के शासनकाल में भी होता था एसआईआर, भाजपा किसी भी व्यक्ति के अधिकार छीनने के खिलाफ – खण्डेलवाल

Bhopal : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने कहा कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर एक बार फिर जनता के बीच झूठ और भ्रम फैलने में लगे हैं। दिग्विजय सिंह सहित अन्य कांग्रेस नेताओं द्वारा मतदाता के एसआईआर और नागरिकता को लेकर जो बयान दिए जा रहे हैं या आरोप लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह से तथ्यहीन और निराधार हैं। कांगेस नेता वोट बैंक की राजनीति के चलते पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी किसी भी व्यक्ति के अधिकार छीनने के पूरी तरह से खिलाफ है। चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर की यह प्रक्रिया देश में पहली बार नहीं की जा रही है। कांग्रेस के शासनकाल में भी चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर की प्रक्रिया अपनाई जाती रही है, तब कांग्रेस पार्टी ने इस प्रक्रिया का कभी विरोध नहीं किया। अब कांग्रेस जनता को भ्रमित करने और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए निराधार आरोप लगा रही है।

खण्डेलवाल ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए यह आवश्यक है कि मतदाता सूची से मृत, डुप्लीकेट या फर्जी नाम हटाया जाना चाहिए। चुनाव आयोग द्वारा पारदर्शी चुनाव कराने के लिए नियमों के तहत एसआईआर की प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से चलाई जा रही है। एसआईआर के तहत मृत, डुप्लीकेट या फर्जी नामों को हटाता है ताकि लोकतंत्र मजबूत बने। हर नागरिक को अपने नाम के जोड़ने या आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अधिकार है। इसमें न तो भाजपा का कोई हस्तक्षेप है, न ही सरकार की कोई भूमिका। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का यह कहना कि 99 प्रतिशत भारतीयों के पास नागरिकता प्रमाण-पत्र नहीं है, यह आरोप पूरी तरह गलत और भ्रामक है। भारत में मतदान के लिए किसी नागरिकता प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं होती। चुनाव आयोग पहले की तरह ही जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल सर्टिफिकेट, राशन कार्ड या आधार जैसे दस्तावेज स्वीकार करता है। कांग्रेस जनता को डराने और भ्रमित करने की राजनीति कर रही है।

खण्डेलवाल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा मध्यप्रदेश में डेढ़ करोड़ मतदाताओं के नाम काटे जाने के जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह तथ्यों से परे, मनगढंत और आधारहीन हैं। भाजपा किसी भी नागरिक के अधिकार छीनने के खिलाफ है। कांग्रेस को अपने घटते जनाधार का डर है, इसलिए वह चुनावी प्रक्रिया पर झूठे आरोप लगाकर जनता में असुरक्षा और अविश्वास का माहौल बनाना चाहती है। दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी जैसे नेता बार-बार झूठ बोलकर चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। राहुल गांधी हर चुनाव या संसद सत्र के दौरान वे विदेश चले जाते हैं और वहीं से फर्जी एजेंडा तैयार करते हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वयं यह मान चुके हैं कि पार्टी की हार की असली वजह उसके अपने नेता हैं, न कि चुनाव आयोग। भाजपा ने हमेशा लोकतंत्र का सम्मान किया है। जीत या हार, दोनों को गरिमा के साथ स्वीकार किया है। भारत की चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, और हर चरण में सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल रहते हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है। देश का युवा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूती से खड़ा है, और कांग्रेस का झूठा प्रचार कभी सफल नहीं होगा। कांग्रेस को झूठ और अफवाहों से जनता को भटकाने के बजाय सत्य बोलना चाहिए। भाजपा हर भारतीय के मतदान अधिकार की गारंटी देती है, लेकिन फर्जी वोटरों को बचाने की राजनीति अब नहीं चलेगी।

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