
Siddharthnagar : लोकसभा के शून्यकाल के दौरान भारतीय विमानन क्षेत्र में अव्यवस्था और यात्रियों को हो रही गंभीर परेशानियों का मुद्दा जोर-शोर से उठा। सांसद जगदंबिका पाल ने नवंबर 2025 में लागू हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के सही तरीके से पालन न होने और दिसंबर 2025 में इंडिगो एयरलाइंस द्वारा 400 से अधिक उड़ानों के अचानक रद्द किए जाने पर कड़ी चिंता जाहिर की।
उन्होंने सदन को बताया कि FDTL नियम पायलटों के कार्य-घंटों और थकान प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए लागू किए गए हैं, ताकि उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ये नियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं, लेकिन एयरलाइंस की लापरवाही और सही योजना के अभाव के कारण यात्रियों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु सहित देश के कई प्रमुख हवाईअड्डों पर उड़ानों के निरस्तीकरण, घंटों का इंतजार, आखिरी क्षण में टिकट रद्द होने और रिफंड में देरी जैसी समस्याओं से लाखों यात्री प्रभावित हुए हैं। इससे न केवल उनकी यात्रा योजनाएं बिगड़ीं, बल्कि व्यापारिक बैठकों, चिकित्सा अपॉइंटमेंट और पारिवारिक कार्यक्रमों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
जगदंबिका पाल ने कहा कि आज के समय में हवाई यात्रा विलासिता नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है। ऐसी अव्यवस्था से भारत के विमानन क्षेत्र की विश्वसनीयता और निवेशकों के भरोसे को भी नुकसान पहुंच सकता है।
उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए से कड़े निगरानी तंत्र, रियल-टाइम रिपोर्टिंग प्रणाली, दंडात्मक कार्रवाई, यात्रियों के लिए मुआवजा व्यवस्था, आपात स्थिति में वैकल्पिक उड़ानों की सुविधा और किराया पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की।
सांसद ने सरकार से अपील की कि विमानन क्षेत्र को यात्री-केंद्रित, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की अव्यवस्था की पुनरावृत्ति न हो।










