
West Bengal : पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार रात चुनाव आयोग से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल पर “निर्लज्ज हमला” किया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है।
अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह बयान किसी राजनीतिक रैली में नहीं, बल्कि राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्य सचिव की उपस्थिति में दिया। उन्होंने सीईओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए “मैं आशा करती हूं कि वे अधिक प्रतिक्रिया न दें या आक्रामक न हों” जैसी टिप्पणियां कीं, जो अनुसार एक संवैधानिक पदाधिकारी को डराने-धमकाने का प्रयास है।
शुभेंदु अधिकारी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ खुले तौर पर लगाए गए आरोप और अप्रत्यक्ष धमकियां न केवल असंवैधानिक हैं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली की पवित्रता पर सीधा प्रहार हैं।”
उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री ने चुनावी प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों को धमकाया हो। 28 जुलाई 2025 को बीरभूम जिले के बोलपुर में आयोजित एक प्रशासनिक बैठक के दौरान भी ममता बनर्जी ने बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को यह चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने मतदाता सूची से किसी का नाम हटाने की कोशिश की, तो उन्हें “परिणाम भुगतने होंगे”। अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि चुनाव के बाद चुनाव आयोग का अधिकार खत्म हो जाएगा, जिससे बीएलओ पर दबाव बनाने का प्रयास स्पष्ट था।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की निष्क्रियता ने मुख्यमंत्री को और अधिक साहसी बना दिया है, जिसके चलते अब उन्होंने एक संवैधानिक अधिकारी पर सीधे हमले की हद तक जाने की हिम्मत की है।
अधिकारी ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि हाल ही में एक अनुसूचित जनजाति समुदाय के सांसद पर दिनदहाड़े हमला किया गया, जबकि वह बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांट रहे थे।
अधिकारी ने कहा, “जब एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं है, तो सीईओ की सुरक्षा पर गंभीर खतरा है, जिन पर स्वयं मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से धमकी दी है।”
शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से ममता बनर्जी के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग की, ताकि यह संदेश जाए कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह मुख्यमंत्री ही क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने सीईओ के कार्यालय और आवास पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की भी मांग की, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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