श्रुति दुबे बन रही कोसीकला की पहचान

मथुरा के छोटे से कस्बे में रहने वाली बेटी ने बनाई संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान

मथुरा। कोसीकला की रहने वाली एक छात्रा ने संगीत की दुनिया में अपनी अलग ही पहचान बनाई है जो 10 भाषाओं में बृज के गीतों को गाती है 1 वर्ष पहले ही उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा और अब अपना लोहा मनवा रही है और अपने क्षेत्र के साथ-साथ अपने माता-पिता का भी नाम रोशन कर रही हैं।बेटी ईश्वर का दिया हुआ एक महत्वपूर्ण तोहफा होता है जो कि किस्मत वालों को ही मिलता है एवं बेटियां घर की लक्ष्मी भी होती है। कोसीकला की बैंक कॉलोनी की रहने वाली इंटरमीडिएट की छात्रा से श्रुति दुबे की जिसने करीब एक वर्ष पूर्व विद्यालय में अध्ययन रहने के दौरान संगीत की दुनिया मे अपना कदम रखा। श्रुति दुबे छोटे से परिवार की बेटी होने के साथ साथ अपने माता पिता की लाडली बेटी भी है। जिसने सिर्फ और सिर्फ ब्रज के गानों पर अपनी दुनिया सजाई है। जिसका उद्देश्य आज के समय मे बेटियों के अंदर छुपी प्रतिभा को उजागर करना है। श्रुति दुबे ने बताया कि उसके पिता प्राइवेट जॉब करते है। बाबजूद अपनी माता जी के साथ रहकर उसने छोटे से समय मे इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है। श्रुति दुबे ब्रज की भाषा के साथ साथ पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी, बंगाली, गढ़वाली, मैथिली, अबधि, बघेली, बुंदेलखंड एवँ भोजपुरी की भाषा मे भजन गाया करती है। जिसे गाजियाबाद , अयोध्या, दिल्ली, लखनऊ सहित यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रोत्साहित किया गया है। लेकिन अब श्रुति दुबे अपने ब्रज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंचो पर अपनी प्रतिभा को दिखाना चाहती है। ताकि ब्रज की अन्य बेटियां भी आगे आकर अपने ब्रज और देश का नाम रोशन कर सके। आज के समय मे बेटियों को आगे आने की आवश्यकता है। जिससे समाज मे अपनी एक अलग पहचान बन सके।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें