
मिर्जापुर। नगर के सिटी क्लब स्थित टीम शिवाय फाउंडेशन ट्रस्ट एवं अन्नपूर्णा प्रसादम् द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अतिथि के रूप में पधारे जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कन्नौजिया, नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुन्दर केशरी, जिलाध्यक्ष भाजपा बृजभूषण सिंह, नगर अध्यक्ष श्रीमती डॉली अग्रहरि, विनय सिंह, राम कुमार विश्वकर्मा द्वारा अनन्त विभूषित काशी धर्मपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्दतीर्थ का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया।
व्यास पीठ पर विराजमान गुरुदेव ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों हो। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा। कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। ध्रुव और प्रह्लाद जैसे महाभागवत नारद जैसे महान् गुरु की ही देन है। भारत गुरु, गोविन्द एवं ग्रन्थ पर आस्था रखने वाला देश है इसीलिए यह विश्व का गुरु है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान् नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की। सातदिवसीय भागवत कथा के मुख्य यजमान बंशीधर दुबे सपरिवार रहे। प्रतिदिन पूजन का सभी कार्य काशी धर्मपीठ के वैदिक आचार्यों द्वारा विधिवत कराया जा रहा है। इस कथा का लाइव प्रसारण संतवाणी चैनल तथा काशीधर्मपीठम् यूट्यूब चैनल एवं सोशल मीडिया पर भी किया जा रहा है। गुरुदेव भगवान् की पूजा करने हेतु स्थानीय लोगों का प्रतिदिन गुरुदेव के आवास पर प्रातः 08 बजे दर्शन पूजन का कार्यक्रम किया जाता है। कथा स्थल में यजमानों सहित कई गणमान्य अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करवाई। आपको बता दिया जाए कि कथा में मुख्य रूप से विन्ध्य सार्थक ग्रीन सिटी के संस्थापक अरुण दुबे सपत्नीक तथा आशीष दुबे समेत अनिल दुबे, चंद्र प्रकाश त्रिपाठी, देवेश गोयल, महेंद्र पांडेय, उदय गुप्ता, जगत् नारायण दुबे, रविन्द्र नाथ (मुन्ना) दुबे तथा गंगा प्रसाद दुबे आदि समस्त भक्त जनों उपस्थित रहे।