‘प्रबंधन, नीति व मर्यादा के महासागर हैं श्रीराम’….रामनवमी पर ‘चेतना’ के रामायण महोत्सव में श्रीराम के विराट व्यक्तित्व पर मंथन

‘आदि शक्ति एवं वनवास ने राम को बनाया श्रीराम’

नई दिल्ली। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम प्रबंधन, नीति व मर्यादा के महासागर हैं। वह आचरण, प्रेरणा व दायित्व विधाओं के प्रणेता हैं। श्रीराम नूतन हैं, पुरातन हैं, सनातन हैं। राम को श्रीराम बनाने वाला कोई और नहीं बल्कि नारी शक्ति है। अयोध्या ने नहीं, बल्कि 14 साल के वनवास ने राम को श्रीराम बनाया। ये बातें सनातन को समर्पित संस्था ‘चेतना’ द्वारा रामनवमी और दुर्गानवमी के अति शुभ अवसर पर रोहिणी में आयोजित ‘रामायण महोत्सव 4.0’ में उपस्थित दिग्गज विद्वानों, विशेषज्ञों के मंथन में उभर कर आईं। सात घंटे के मैराथन मंथन में 15 दिग्गजों ने रामायण के संदेशों और श्रीराम के जीवन के आदर्शों का बखान इतने प्रभावशाली तरीके से किया कि दर्शक बार-बार तालियां बजाते रहे।
कैरेबियाई देश सूरीनाम के भारत में राजदूत श्री अरुण इस महोत्सव के विशेष अतिथि थे।
‘चेतना’ (सुरभि सनातन की) के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कवि राजेश चेतन ने अपने प्रभावशाली मंच संचालन से आगंतुकों को घंटों बांधे रखा।

कार्यक्रम की शुरुआत विख्यात विद्वान अतुल सत्य कौशिक ने ‘नारी शक्ति और राम’ विषय से की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि राम को श्रीराम बनाने में नारी शक्ति का सबसे अधिक योगदान रहा। उन्होंने सीता, कैकेई, उर्मिला, सुलोचना का जिक्र करते हुए कहा कि आदि शक्ति ने ही आदि पुरुष को भगवान श्रीराम राम बनाया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राम को अयोध्या ने नहीं बल्कि 14 साल के वनवास ने भी श्रीराम बनाया।

पूर्व राजनयिक एवं वैश्विक हिन्दी परिषद के अध्यक्ष अनिल जोशी का संबोधन ‘विश्व में राम’ पर आधारित था। उन्होंने बताया कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने के लिए 51 देशों से मिट्टी आई थी। चीन, जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन आदि कई देशों की संस्कृति रामायण की है। सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में सबसे अधिक रामायण मंचन होता है। म्यांमार में रामायण राष्ट्रीय महाकाव्य है। उन्होंने बताया कि विश्व का सबसे बड़ा रामायण संस्थान मारीशस में है।

जाने-माने विद्वान व श्री हनुमान धाम, उत्तराखंड के संस्थापक आचार्य विजय ने ‘वनवासियों के राम’, डा.आदित्य शुक्ल ने ‘जीवन प्रबंधन में राम’ स्वामी संजय प्रभाकरानंद ने ‘संगीत में राम’, अंतरराष्ट्रीय कवि दीपक सैनी ने ‘रामलीला के राम’, वरिष्ठ पत्रकार एवं डीडी न्यूज के एंकर अशोक श्रीवास्तव ने ‘मीडिया के राम’ और मोटीवेशनल स्पीकर एवं सीए राकेश शर्मा ने ‘परिवार में राम’ पर अपने व्याख्यान से खूब वाहवाही बटोरी।

अंतरराष्ट्रीय कथक नर्तक विश्वदीप मित्र व अंतराष्ट्रीय कवि अमित शर्मा ने भी अपनी प्रस्तुतियों से खासा प्रभावित किया।

प्रमुख उद्योगपति पवन कंसल ने स्वागत उद्बोधन में सभी आगंतुकों का आभार जताया और भगवान श्रीराम का निरंतर स्मरण करने का संदेश दिया।

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