श्री बांके बिहारी मन्दिर : अब नहीं मिलेगी वीआईपी पर्ची, नई व्यवस्था से होंगे दर्शन, गाइडलाइन जारी

बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी पर्ची से दर्शन व्यवस्था होगी बंद, रेलिंग से हाेगा दर्शनार्थियों का प्रवेश

हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी ने लिए अहम निर्णयसेवायतों और सेवकों की संख्या भी होगी नियंत्रित

मथुरा । वृंदावन के ठा. श्री बांके बिहारी मन्दिर में वीआईपी पर्ची से दर्शन की व्यवस्था बंद कर दी जाएगी। सभी श्रद्धालुओं को रेलिंग में हीलाइन से दर्शन करने की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही सेवायतों के साथ मंदिर में सेवकों की संख्या भी नियंत्रित की जाएगी। यह निर्णय बिहारी मन्दिरकी हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी ने लिया है।

शनिवार को बांके बिहारी मंदिर के प्रांगण में हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी की बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार, सदस्य सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा, सदस्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास कुमार, सदस्य सचिव जिलाधिकारी मथुरा चन्द्र प्रकाश सिंह, सदस्य राजभोग सेवाधिकारी शैलेन्द्र गोस्वामी व श्रीवर्धन गोस्वामी, राजभोग सेवाधिकारी दिनेश कुमार गोस्वामी मौजूद रहे।

बैठक में कमेटी के अध्यक्ष अशोक कुमार ने अवगत कराया कि कमेटी ने मंदिर के आसपास विभिन्न गलियों में कई प्वाइंटों का निरीक्षण किया तथा खामियों को दूर करने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंदिर के प्रवेश के लिए दो द्वार है। गेट नंबर 2 एवं गेट नंबर 3 से श्रद्धालु प्रवेश करते है। उक्त दोनों गेट का स्थलीय निरीक्षण कर निर्णय लिया गया कि प्रवेश द्वारों पर दर्शनार्थियों के लिए 3-3 लाइन बनाई जाएंगे, तीनों लाइनों में रेलिंग लगाते हुए मंदिर में प्रवेश होगा और उसके बाद उसी रेलिंग के अंदर से श्रद्धालु दर्शन करते हुए मंदिर से निकास की ओर चले जाएंगे। इस प्रकार एंट्री के लिए कुल छह लाइन हो जाएंगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे दर्शन करते हुए शीघ्र आगे बढ़ते रहे और अपने पीछे वालों को भी दर्शन का लाभ उठाने दे।

कमेटी के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि मंदिर प्रांगण में ऊपर से दर्शन करने के लिए दो आरक्षित क्षेत्र बने हुए है, जहां एक महिलाओं के लिए सुरक्षित है तथा दूसरी ओर पुरुषों के लिए सुरक्षित है। उन्होंने निर्देश दिए कि उक्त व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित हो। महिलाओं में सिर्फ महिलाएं तथा पुरुषों में सर्फ पुरुष होने चाहिए। मंदिर प्रबंधन एवं पुलिस प्रशासन उक्त व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराए। उन्होंने कहा कि मंदिर के सेवायतों ने अपने साथ 10 से 15 अन्य सेवकों को लगाया गया है। उक्त सेवक श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों से अवैधानिक रूप से पैसा लेते हैं और व्यवधान भी करते हैं। उस पर पूरी तरह से पाबंदी लगेगी। सभी सेवायतों को बताना होगा कि उनके साथ कौन एक या दो सेवक काम कर रहे हैं। उक्त का अनुपालन दो-तीन दिनों में सुनिश्चित किया जाएगा।

कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के लिए वीआईपी पर्ची की व्यवस्था को बंद किया गया है लेकिन वीआईपी प्रोटोकॉल को बंद नहीं किया जाएगा।

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