
भोपाल। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भोपाल में पत्रकार वार्ता के दौरान पंजाब सरकार और विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने उनके रवैये को अलोकतांत्रिक, अमर्यादित और संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया। चौहान ने कहा कि संसद द्वारा पारित कानूनों का विरोध करना संघीय ढांचे की आत्मा के विपरीत है और इसे मानना सभी राज्यों की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
मंत्री ने पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में संसद के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने चेताया कि अगर संसद के कानूनों के खिलाफ विधानसभा प्रस्ताव पारित होने लगे, तो इसी तर्क को आगे बढ़ाकर जिला, जनपद और ग्राम पंचायतें भी राज्य के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास कर सकती हैं, जिससे संपूर्ण संवैधानिक व्यवस्था कमजोर हो जाएगी। उन्होंने इसे अंध विरोध की राजनीति करार देते हुए कहा कि इसका लोकतंत्र और संवैधानिक मर्यादाओं से कोई संबंध नहीं है।
राहुल गांधी पर निशाना
शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे देश की वास्तविक परिस्थितियों से कटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिना मंत्री परिषद और कैबिनेट के काम चलने जैसी बातें केवल भ्रम फैलाने का प्रयास हैं। जिम्मेदार राजनीति में तथ्य और जिम्मेदारी दोनों जरूरी हैं।
मनरेगा और भ्रष्टाचार पर आरोप
मंत्री ने पंजाब में मनरेगा समेत अन्य योजनाओं में कथित भ्रष्टाचार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य की 13 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में केवल कुछ ही पंचायतों में सोशल ऑडिट हुआ, जिसमें हजारों वित्तीय अनियमितताओं के मामले सामने आए, लेकिन न दोषियों पर कार्रवाई हुई और न गबन की गई राशि की वसूली। उन्होंने आरोप लगाया कि कई ऐसे कार्य मनरेगा के तहत अनुमन्य नहीं थे, जबकि मजदूरों को समय पर मजदूरी तक नहीं मिली।
धार्मिक आस्था और चुनावी राजनीति
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं को मंदिर और धार्मिक आस्था केवल चुनाव के समय ही याद आती है। उनका कहना था कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, न कि उसे राजनीतिक लाभ का साधन बनाया जाना चाहिए।
विपक्ष पर आरोप
शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के दौरान विपक्ष का सदन से गायब होना गैर-जिम्मेदाराना है। विपक्ष चर्चा से भागकर झूठा नैरेटिव गढ़ने की कोशिश करता है।
अंत में मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसान, श्रमिक और गांव के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है और भ्रम फैलाने से सच्चाई नहीं बदलती।















