Shimla : शिमला में ट्रैफिक जाम से थमी रफ्तार, रोजाना घंटों जाम से जूझ रहे यात्री

शिमला : राजधानी शिमला में चल रहे टूरिस्ट सीजन के बीच ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या लोगों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। हर सुबह आठ बजे के बाद शहर की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही लगभग ठहर सी जाती है। खासकर आईएसबीटी बाईपास से ओल्ड बस स्टैंड तक की कुछ किलोमीटर की दूरी अब लोगों के लिए घंटों की परेशानी बन चुकी है। यह रास्ता पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल के निचले क्षेत्रों से शिमला आने वाले पर्यटक वाहनों का मुख्य मार्ग है, जिस पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है।

शहर में हर ओर ट्रैफिक की रफ्तार थम गई है। संजौली, टूटीकंडी बाईपास, बालूगंज, लक्कड़ बाजार, छोटा शिमला, न्यू शिमला और ओल्ड बस स्टैंड से लेकर क्रॉसिंग तक के इलाकों में प्रतिदिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके चलते न केवल सरकारी और निजी कर्मचारी, विद्यार्थी व मरीज प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों को भी अपने जरूरी काम समय पर निपटाने में भारी दिक्कतें पेश आ रही हैं।

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की लगभग चार सौ बसों में से रोजाना 40 से 50 रूट जाम की वजह से बाधित हो रहे हैं। जाम की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बसें अपने तय रूट और समय पर न तो चल पा रही हैं और न ही समय से बस स्टैंड पहुंच पा रही हैं। कई बार आधा से डेढ़ घंटे तक की देरी हो रही है, जिससे बस स्टैंडों पर यात्री लंबा इंतजार करते नजर आते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोई ठोस नीति नहीं अपनाई गई है। ट्रैफिक दबाव को देखते हुए प्रशासन को पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं किया गया। यही कारण है कि वर्तमान में स्थिति बेकाबू होती जा रही है। सुबह के समय एचआरटीसी और निजी बसों का संचालन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है और अधिकांश बसें तय समय से काफी देरी से अपने स्टॉप तक पहुंच रही हैं।

टूटू, ढली, संजौली, विकासनगर, कसुम्पटी, मैहली, शोघी, बल्दियान, मशोबरा जैसे उपनगरों से शिमला आने वाले हजारों लोगों को हर दिन असहनीय जाम का सामना करना पड़ रहा है। टूरिस्ट सीजन के चलते शहर में आने वाले पर्यटक वाहनों की बेतरतीब आवाजाही ने हालात और खराब कर दिए हैं। बिना किसी नियंत्रण के शहर में प्रवेश करते ये वाहन यातायात पर भारी बोझ डाल रहे हैं।

शहर के उपनगरों से चलने वाली 106 निजी बसें भी जाम की चपेट में आ चुकी हैं। आमतौर पर जो बसें आधे घंटे में बस स्टैंड पहुंच जाया करती थीं, वे अब दो-दो घंटे में गंतव्य पर पहुंच रही हैं। उपनगर टूटू से सुबह 8:30 बजे चलने वाली बस अब 10:30 बजे तक ओल्ड बस स्टैंड पहुंच रही है। यही नहीं कुछ निजी बसें जो नौ बजे रवाना होती थीं, अब 11 बजे के करीब पहुंच रही हैं। इससे न केवल यात्रियों को परेशानी हो रही है बल्कि वे अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरी बसों पर निर्भर हो रहे हैं।

इतना ही नहीं कुछ एचआरटीसी और निजी बस चालक अब जाम से बचने के लिए यात्रियों को बीच रास्ते में ही उतार रहे हैं और बस को मोड़कर वापस ले जा रहे हैं। इससे यात्रियों को न सिर्फ परेशानी होती है, बल्कि उन्हें दूसरी बसों या निजी वाहनों से आगे का सफर तय करना पड़ रहा है।

शहर में ट्रैफिक के इस हालात को लेकर पर्यटक भी खासी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। छुट्टियां बिताने आए सैलानी जाम में घंटों फंसे रह जाते हैं, जिससे उनका समय और धैर्य दोनों ही जवाब दे जाते हैं। ट्रैफिक के इस हालात ने शिमला की पहचान ‘क्लीन एंड ग्रीन हिल स्टेशन’ को धुंधला कर दिया है।

शिमला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने माना कि जून में शिमला की ओर पर्यटकों का दबाव सबसे अधिक होता है, जिससे ट्रैफिक का दबाव भी कई गुना बढ़ जाता है।

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