Shashi Tharoor : बिहार दौरे पर थरूर ने की विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ, नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण को बताया ऐतिहासिक कदम

पटना : अपने सियासी रंग-रूप को लेकर इन दिनों चर्चा में चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के कार्यों की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय का नया परिसर और विदेश मंत्रालय के कई कम चर्चित योगदान देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। थरूर ने इन प्रयासों को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय की सेवाएं उच्च मूल्यांकन के योग्य हैं।

नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित साहित्य महोत्सव में भाग लेने बिहार पहुंचे थरूर ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनका दौरा पूरी तरह सांस्कृतिक है, न कि किसी राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा हुआ। उन्होंने कहा कि वे बिहार की समृद्ध संस्कृति को देखने आए हैं और लोगों से बिहार म्यूजियम व बापू टावर देखने की भी अपील की।

थरूर ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारत की महान सभ्यतागत विरासत का प्रतीक है। उन्होंने चिंता जताई कि भारत के विश्वविद्यालय अभी विश्व की शीर्ष रैंकिंग में पीछे हैं। हालांकि कुछ संस्थान अब शीर्ष 200 में शामिल हो गए हैं, लेकिन कोई भी शीर्ष 10 या 50 में जगह नहीं बना सका है।

उन्होंने नालंदा महाविहार के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए कहा कि यह तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 13वीं शताब्दी तक शिक्षा और अध्ययन का वैश्विक केंद्र रहा। नालंदा का उत्खनन स्थल आज यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है, जिसे वर्ष 2016 में यह दर्जा मिला।

थरूर ने नालंदा विश्वविद्यालय को एक असाधारण संस्थान बताते हुए कहा कि यह केवल प्रतिस्पर्धा की कमी के कारण नहीं, बल्कि अपनी उत्कृष्टता के कारण विश्व स्तर पर प्रसिद्ध था। उन्होंने कहा कि लगभग 800 वर्षों बाद, 1200 ईस्वी में बख्तियार खिलजी द्वारा अंतिम बार नष्ट किए जाने के बाद, इसका पुनः स्थापित होना बेहद संतोषजनक और ऐतिहासिक है। थरूर के अनुसार, नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण भारत की शिक्षा परंपरा और सभ्यतागत महानता को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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