
Shashi Tharoor : भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए टी20 एशिया कप मैच के बाद एक विवाद खड़ा हो गया है, जब भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया। इस घटना में नौ हैंड शेक (हाथ मिलाने) का मामला चर्चा का विषय बन गया है। इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, जिसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपनी राय व्यक्त की है।
क्या हुआ था?
मुकाबले के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और बल्लेबाज शिवम दुबे बिना हाथ मिलाए मैदान से बाहर चले गए। इस घटना ने सोशल मीडिया और पंडितों के बीच बहस छेड़ दी है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि खेल की भावना को राजनीति और सैन्य संघर्षों से अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “मेरा व्यक्तिगत मानना है कि यदि हमें पाकिस्तान से इतनी आपत्ति है, तो हमें उनसे खेलना ही नहीं चाहिए था। लेकिन, एक बार खेलने का निर्णय हो गया, तो हमें खेल की भावना के साथ खेलना चाहिए था और खिलाड़ियों से हाथ मिलाना चाहिए था। यह परंपरा पहले भी निभाई गई है।”
शशि थरूर ने 1999 के कारगिल युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी, जब सैनिक देश के लिए शहीद हो रहे थे, भारत ने इंग्लैंड में विश्व कप के दौरान पाकिस्तान के साथ मैच खेला और खिलाड़ियों ने हाथ मिलाया।
शशि थरूर ने कहा कि यदि भारतीय खिलाड़ियों ने पहले हाथ नहीं मिलाया, तो पाकिस्तानी टीम ने भी उसी तरह जवाब दिया। यह खेल की भावना का प्रतीक नहीं है। उनका मानना है कि क्रिकेट के मैदान पर देशों के बीच तनाव को भुलाकर खेल को प्राथमिकता देनी चाहिए।
शशि थरूर ने यह भी कहा कि आतंकवाद की लड़ाई को पूरे देश से जोड़ना गलत है। उनका तर्क है कि खेल को राजनीति से अलग करके, दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ खेल भावना का सम्मान करना चाहिए।
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