
- हमें वर्ग विद्वेष फैलाने की जरूरत नहीं है, बल्कि दोषियों को सजा देने की बात करनी चाहिए
वाराणसी। इटावा में कथावाचक मुकुटमणि और उनके सहयोगी संत कुमार की जाति पूछकर उनके साथ अभद्रता मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने तार्किक ढंग से सवाल उठाया है और अमर्यादित बर्ताव करने वालों के लिए सवाल किए हैं? उन्होंने कहा कि कथावाचकों पर जल छिड़का गया या मूत्र, सवाल यह है कि उसका परिणाम क्या रहा? अगर वे पवित्र हो गए तो फिर उनसे कथा क्यों नहीं सुनी।
इटावा में कथावाचक मुकुटमणि और उनके सहयोगी संत कुमार की जाति पूछकर उनके साथ अभद्रता की गई थी। इस मामले में दोनों कथावाचकों पर एफआईआर दर्ज हो गई है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि एफआईआर तो पहले ही हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि दोनों को उसी वक्त तत्काल हिरासत में ले लेना चाहिए था।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि दोनों कथावाचकों ने अपना नाम के साथ पंडित लगाकर आए थे, लेकिन जब अशुद्ध उच्चारण से शंका हुई तब पूछताछ करने पर सच्चाई का पता चला। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण से कथा सुनना चाहते थे, लेकिन वे ब्राह्मण नहीं थे। ये धोखा है। लेकिन गांव वालों ने भी गलती की है। मारना नहीं चाहिए था। दोनों पक्ष क्षम्य हैं।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इस मामले में देश के बड़े-बड़े नेता राजनीतिक लाभ लेने के लिए सामने आए हैं। ये भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें वर्ग विद्वेष फैलाने की जरूरत नहीं है, बल्कि दोषियों को सजा देने की बात करनी चाहिए।
यादव महासभा और जाट रेजिमेंट की पुलिस से संघर्ष और पथराव के सवाल पर शंकराचार्य ने बताया कि जो भी लोग इस घटना को कारण बनाकर देश और समाज में विभाजन उत्पन्न करना चाहते है या अशांति उत्पन्न करना चाहते हैं, उन्हें भी अरेस्ट कर लेना चाहिए।
इटावा की घटना पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, पहली बार जीवन में हमने यह दृश्य देखा कि कोई पिट करके आ रहा है और कोई उसका शॉल उड़ाकर सम्मान कर रहा है। कभी भी जो पिटकर आता है उसके संवेदना व्यक्त की जाती है कि अरे भाई तुम्हारे साथ गलत हुआ हम खड़े हैं तुमको न्याय दिलाएंगे। ये सब कहा जाता है कि उसका अभिनंदन किया जाता है? यह हमने पहली बार जीवन में देखा कि ऐसा कहीं हो रहा हो तो वह जो कर रहे हैं वह जाने क्या कर रहे हैं। सवाल ये है कि इतनी बड़ी घटना घट गई है पूरे देश में कोलाहाल हो रहा है दोनों का अपराध बताया जा रहा है । एक पक्ष कह रहा है कि ये हमारे साथ इन्होंने धोखा किया दूसरा पक्ष कह रहा है इन्होंने हमारा अपमान किया जाति का अपमान किया जो कि नहीं करना चाहिए था।