Shahjahanpur: 3 दिन में ही गायब हुए जनप्रतिनिधियो द्वारा लगाए पौधे

  • वृक्षारोपण कराओ, फोटो खिंचवाओ और फिर जिम्मेदारी भूल जाओ
  • कांट में 3 दिन में ही गायब हुए जनप्रतिनिधियो द्वारा लगाए पौधे
  • पेड़ में लगे ट्री गार्ड हुए चोरी, ददरौल विधायक ने जताई नाराजगी

Shahjahanpur: मामला जनपद की ददरौल विधानसभा क्षेत्र का है जहां हर वर्ष भारत में मानसून के आगमन के साथ ही वृहद पौधारोपण अभियानों की एक परंपरा सी बन गई है। सरकारी विभागों, निजी संस्थानों, विद्यालयों और सामाजिक संगठनों द्वारा बड़े स्तर पर पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रेस रिलीज जारी होते हैं, फोटो खिंचते हैं, सोशल मीडिया पर हैशटैग चलाए जाते हैं और अगले दिन अखबारों की सुर्खियां बनते हैं फला विभाग ने लगाए इतने लाख पौधे वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर भारत इत्यादि। लेकिन जब हकीकत की जमीन पर नजर डाली जाती है, तो ये पौधे और संकल्प कहीं पीछे छूट जाते हैं।

इन्हीं कारणों से पौधरोपण अभियान सिर्फ पौधे लगाने और फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रह गया है। पौधे लगाइए, तस्वीरें खिंचवाइए और फिर जिम्मेदारी भूल जाइए। इसके बाद न पर्यावरण की फिक्र न ही पौधे की देखभाल की। उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आवाहन पर पूरे प्रदेश में 9 जुलाई को वृक्षारोपण अभियान चलाया गया जिसके तहत जनप्रतिनिधियों एवं पार्टी पदाधिकारी के साथ-साथ शासन प्रशासन के लोगों ने बढ़-चलकर हिस्सा लिया और खूब जमकर फोटो बाजी भी हुई।

लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और निकल कर आई नगर पंचायत कांट में स्थित मां शीतला माता मंदिर पर नगर पंचायत काँट द्वारा वृक्षारोपण अभियान के तहत वृक्षारोपण किया गया था और ट्री गार्ड भी लगाए गए थे।इसमें भाजपा ददरौल विधायक अरविंद सिंह ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया था। लेकिन नगर पंचायत की घोर लापरवाही सामने आई और आश्चर्य की बात यह है कि नगर पँचायत काँट में विधायक अरविंद सिंह के नाम से लगे वृक्ष का भी तीन दिन देखरेख नहीं कर पाई और 9 जुलाई को लगे पेड़ 12 जुलाई को गायब हो गया और उन गड्डो को भी बंद कर दिया गया।

हरियाली का दिखावा या हरियाली का समर्पण? : हर साल हम देखते हैं कि सरकारी अधिकारी, नेता, स्कूल के बच्चे, संस्था प्रमुख बड़े उत्साह से पौधारोपण कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। मीडिया को बुलाया जाता है, कैमरे के सामने पौधा रोपा जाता है, एक मुस्कुराता हुआ चेहरा फ्रेम में कैद होता है और फिर पौधा वहीं छोड़ दिया जाता है, देखभाल के बिना।

क्या पौधारोपण महज इवेंट बनकर रह गया है? आज के डिजिटल युग में हर कार्य सोशल मीडिया फ्रेंडली बन चुका है। पौधारोपण भी इसका अपवाद नहीं है। जैसे ही कोई अभियान घोषित होता है, स्थानीय अधिकारी, राजनेता और संस्थाएँ इसे एक अवसर के रूप में देखती हैं। पौधा लगाते हुए कैमरे की ओर देखकर पोज देना, उसके बाद तुरंत इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर अपलोड करना जैसे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बन गया है।जब अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत काँट से टेलीफोन के माध्यम से संपर्क करना चाह तो उनकी कॉल रिसीव नहीं हुई

वहीं बीजेपी विधायक अरविंद सिंह ने बताया कि नगर पंचायत की ओर लापरवाही की जांच कराई जाएगी और देखा जाएगा यह किसके द्वारा किया गया और दोषियों को दंडित किया जाएगा।

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