
Shahjahanpur: सेरामऊ साधन सहकारी समिति पर नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान के तहत कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुनील कुमार सिंह, सभापति सेरामऊ साधन सहकारी समिति, ने की।
रामरतन सिंह, क्षेत्र अधिकारी इफको शाहजहांपुर, ने उपस्थित सभी किसान भाइयों को बताया कि फसल की बुवाई के समय दानेदार डीएपी की मात्रा को 50% कम कर एकड़ गेहूं के बीज को 500 ML नैनो डीएपी से उपचारित कर बुवाई करें। साथ ही जब फसल 30–35 दिन की हो, तो एक बॉटल नैनो डीएपी स्प्रे करने से उपज में वृद्धि होती है।
इसी प्रकार, आलू के बीज को 10 ML नैनो डीएपी को 1 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करने से बीज का जमाव अच्छा होता है, किल्ले अधिक निकलते हैं और उपज में वृद्धि होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि किसान भाई केवल दाने वाली डीएपी पर निर्भर न रहें, क्योंकि यह डीएपी हमारी जमीन की उर्वरा शक्ति को कमजोर कर रही है। साथ ही, रासायनिक खाद के प्रयोग से पैदा होने वाली फसल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और विभिन्न बीमारियां उत्पन्न कर रही हैं। किसान नैनो डीएपी से बीज शोधन करके, और 30 दिन बाद एक स्प्रे करने से अच्छी पैदावार ले सकते हैं। यह पूर्ण रूप से जैविक है और इसमें कोई रासायनिक तत्व नहीं है।
इस दौरान, भावेश त्रिपाठी, TME इफको एमसी, ने फसलों में लगने वाले रोग व कीटों की जानकारी दी। सचेंद्र वर्मा, MDE एक्वा एग्री, ने जैव उर्वरक के लाभ और प्रयोग विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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