Shahjahanpur : ‘समर्थ उत्तर प्रदेश @2047’ अभियान का शुभारंभ, 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने का संकल्प

Shahjahanpur : उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव खेल मनीष चौहान, जो इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी भी हैं, की अध्यक्षता में समर्थ उत्तर प्रदेश-‘विकसित उत्तर प्रदेश @2047 स्मृति के शताब्दी पर्व के अवसर पर विभिन्न संगठनों, हितधारकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ बैठक एवं संवाद कार्यशाला अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह और क्षेत्र के विशेषज्ञ राकेश सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस), डॉ. पीबी सिंह (प्रोफेसर, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली), डॉ. एनसी त्रिपाठी (प्रधानाध्यापक, वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ), बसंत कुमार झा (सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, स्तर-1) उपस्थित रहे।

जनपद के नोडल अधिकारी मनीष चौहान ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी पहल “विकसित भारत @2047” के अनुरूप उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य बनाने के मुख्यमंत्री जी के संकल्प को साकार करना है। इसके लिए सभी जनपदों के विकास विभागों और नागरिकों से सुझाव लेकर एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। यह डॉक्यूमेंट तीन थीम अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति और 12 सेक्टर—कृषि एवं सम्बद्ध, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी एवं इमर्जिंग प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन पर आधारित होगा।

राकेश सिंह ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सहित अन्य क्षेत्रों में हुए सुधारों और उपलब्धियों को देखकर नागरिकों में गर्व और जिम्मेदारी का भाव पैदा करना है। उन्होंने कहा कि 2047 में शिक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में नये प्रयोग करने होंगे। विद्यार्थियों को सामाजिक मीडिया का सकारात्मक उपयोग करने और अपने करियर को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।

जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत नागरिक सीधे ऑनलाइन पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in पर सुझाव दे सकते हैं। पोर्टल को मोबाइल और कंप्यूटर दोनों से एक्सेस किया जा सकता है। QR कोड स्कैन करके भी फीडबैक साझा करने की सुविधा उपलब्ध है। अभियान में विद्यार्थी, शिक्षक, किसान, व्यापारी, उद्यमी, श्रमिक संगठन, स्वयंसेवी संगठन, मीडिया और आम नागरिक सभी भाग ले सकते हैं। प्रत्येक परिवार से कम से कम एक फीडबैक प्राप्त करना लक्ष्य है।

डॉ. पीबी सिंह ने कहा कि 12 सेक्टरों में विकास को गति देने के लिए कार्य योजना बनाना आवश्यक है। कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरक, सिंचाई और नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को खेतों में पराली जलाने से बचना चाहिए और प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए। कृषि के साथ-साथ पशुपालन और वानिकी पर भी ध्यान देना होगा।

डॉ. एनसी त्रिपाठी ने कहा कि 2047 तक प्रदेश और देश को विकसित बनाने के लिए सभी क्षेत्रों में प्रगति करनी होगी। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार किसान अपने खेतों की मेड़ पर भी पेड़ लगाए जिससे आय में वृद्धि हो और पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हो। उन्होंने 2030 तक भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य साझा किया।

कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी ऋषि पाल सिंह, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी अनार सिंह, डीसी मनरेगा यशोवर्धन, उप कृषि निदेशक पीके सिंह, जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर और जिला विद्यालय निरीक्षक हरिवंश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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