शाहजहांपुर : उद्योग व्यापार मंडल ने ऊर्जा मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा

शाहजहांपुर : उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष मुकंद मिश्रा एवं महामंत्री राजेंद्र गुप्ता के आह्वान पर शुक्रवार को जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह दुआ के नेतृत्व में नगर अध्यक्ष सुनील गुप्ता सहित तमाम पदाधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता को ऊर्जा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह दुआ ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत दरों में वृद्धि किए जाने के प्रयास का संगठन विरोध करता है और स्मार्ट मीटर का भी विरोध करता है, क्योंकि चेक मीटर के द्वारा जांच किए जाने पर स्मार्ट मीटर लगभग 40% अधिक यूनिट दर्शाता है, जो उपभोक्ताओं के साथ अन्याय है। इसलिए स्मार्ट मीटर लगाना बंद कराया जाना चाहिए। इस संबंध में एक ज्ञापन भी दिया गया।

इस कार्यक्रम में प्रदेश मंत्री धर्मपाल रहना, जिला महामंत्री नाजिम खान, नगर अध्यक्ष सुनील गुप्ता, महामंत्री अतुल गुप्ता, कोषाध्यक्ष सतनाम चावला, युवा जिला अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष मुकेश गुप्ता, जितेंद्र वर्मा, सुरेंद्र सेठी, राजेश जायसवाल, मोहम्मद रफी, युवा नगर अध्यक्ष शकील अहमद, मोहम्मद नबी हसन, अमोल ग्रोवर, शरद, बंटी, तनवीर, संजय सेठी, राकेश वर्मा आदि कई पदाधिकारी शामिल हुए।

व्यापार मंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत दरों में वृद्धि का जो प्रस्ताव लागू किया जा रहा है, वह उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है। इसके लागू होने से 1 किलोवाट पर आधारित 100 यूनिट की दर, जो वर्तमान में ₹6.60 है, वह ₹8.40 हो जाएगी। इसी तरह, 2 किलोवाट पर जो ₹6.73 है, वह ₹9.15 हो जाएगा, तथा 5 किलोवाट पर 200 यूनिट की दर ₹8.80 से बढ़कर ₹12 हो जाएगी। इस प्रकार, दरों में 40 से 45% तक की वृद्धि हो जाएगी, जो आम आदमी की पहुँच से बाहर होगी।

शहरी फिक्स चार्ज ₹110 से बढ़कर ₹190 प्रति किलोवाट और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹90 से ₹150 प्रति किलोवाट प्रस्तावित है। ज्ञापन में कहा गया है कि फिक्स चार्ज के माध्यम से उपभोक्ताओं के साथ अन्याय किया जा रहा है, क्योंकि उपभोक्ता अपने द्वारा उपभोग की गई विद्युत की पूर्ण कीमत अदा कर रहा है, तो फिर फिक्स चार्ज क्यों?

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में दो कंपनियों को स्मार्ट मीटर लगाए जाने के लिए अनुबंधित किया गया है। इनमें दक्षिणांचल की जीनस कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जो बिजली उपयोग से 4.5 गुना अधिक रीडिंग दे रहे हैं, जिसे चेक मीटर ने भी गलत ठहराया है। उपरोक्त स्मार्ट मीटर लगाने वाली दोनों कंपनियों को पूर्व में गोवा में ब्लैकलिस्ट किया गया था।

ज्ञापन में मांग की गई है कि वर्तमान में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को मुक्ति दिलाई जाए, इन कंपनियों के अनुबंध समाप्त किए जाएं एवं विद्युत दरों में प्रस्तावित वृद्धि को रोका जाए।

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