समाजवादी पार्टी के सात सांसद घर में किए गए नजरबंद, अखिलेश यादव बोले भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही

Lucknow : शांति की बहाली के लिए बरेली जाने कोशिश कर रहे यूपी में सपा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, कई सांसदों समेत पदाधिकारियों को उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया गया। कई जगह रास्तों में उन्हें गाड़ियों को आगे नहीं जाने दिया गया।

ये नेता पुलिस को शांति पूर्ण तरीके से बरेली जाने की बात करते रहे लेकिन उनकी एक न सुनी गई। इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। संविधान विरोधी और अलोकतांत्रिक कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि बरेली जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल को सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा रोका जाना निन्दनीय है। भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए तानाशाही कर रही है। सरकार अपने तानाशाही रवैये से संविधान की मूल भावना पर प्रहार कर रही है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रतिनिधिमंडल को बरेली के डीआईजी और कमिश्नर से मिलकर वहां शांति बहाली की दिशा में प्रयास करना था। हैरानी की बात है कि बरेली के जिलाधिकारी ने निषेधाज्ञा का हवाला देकर नेता विरोधी दल और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल को बरेली जाने से रोक दिया। पुलिस ने माता प्रसाद पाण्डेय सहित प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों, हरेन्द्र मलिक सांसद, इकरा हसन सांसद, जियाउर्रहमान बर्क सांसद, मोहिबुल्लाह नदवी सांसद, नीरज मौर्य सांसद, वीरपाल सिंह यादव पूर्व सांसद, प्रवीण सिंह ऐरन पूर्व सांसद, शिवचरन कश्यप जिलाध्यक्ष, शमीम खाँ सुल्तानी महानगर अध्यक्ष, अताउर्रहमान विधायक एवं प्रदेश महासचिव समाजवादी पार्टी उप्र, शहजिल इस्लाम अंसारी विधायक, भगवत शरण गंगवार पूर्व मंत्री उप्र सरकार, शुभलेश यादव प्रदेश सचिव समाजवादी पार्टी उप्र को भी उनके घरों में पाबंद कर दिया। यह निंदनीय और शर्मनाक है।

अभी पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के नेतृत्व में जा रहे प्रतिनिधिमंडल को रोका गया था।
भाजपा सरकार का व्यवहार सत्ता के दुरुपयोग के साथ पूर्णतया अलोकतांत्रिक है। आगरा में 26 सितम्बर 2025 को जुमे की नमाज के बाद घटी घटना के बाद निदोषों की धरपकड़ के साथ कई मकानों-दुकानों पर बुलडोजर चला है। विपक्ष को वहां के हालात की सही जानकारी करने और पीड़ित परिवारों से मिलने से रोक कर जता दिया गया है कि अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए ही भाजपा सरकार यह सब हरकतें कर रही है।

सपा प्रमुख भाजपा सरकार को एक बात समझ लेनी चाहिए कि वह बरेली की जनता पर अपना दमनचक्र चलाकर कुछ हासिल नहीं कर पाएगी। पीडीए जाग चुका है। पीडीए की एकजुटता के आगे भाजपा का अन्याय, अत्याचार टिकने वाला नहीं है।

भाजपा का कुशासन, लूट और भ्रष्टाचार सब जनता जान चुकी है। सन् 2027 के चुनावों में भाजपा की दमनकारी, अहंकारी सरकार का सूपड़ा साफ होना तय है। अलोकतांत्रिक, जनविरोधी और अन्यायी भाजपा सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं।

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