
– हमारा उददेश्य सत्ता प्राप्ति नहीं, जनता की सेवा है, हमने अपने विचारों से समझौता नहीं कियाः रक्षा मंत्री
भोपाल/पचमढ़ी । सभी सांसद और विधायक हमेशा संगठन से जुड़े रहें, क्योंकि संगठन तब भी था जब सत्ता नहीं थी। कार्यकर्ताओं को सम्मान दें और उनकी बात सुनें क्योंकि भाजपा की असली ताकत जनता का भरोसा और कार्यकर्ताओं का परिश्रम ही है। जनता की सेवा हमारे डीएनए में है, हम जनसेवक हैं शासक नहीं। जनता का भरोसा और कार्यकर्ताओं का परिश्रम ही भाजपा की असली ताकत है। जनता का भरोसा जीतें और हर संकट के समय सबसे पहले जनता के बीच पहुंचें। महापुरूषों की विचारधारा को आगे बढ़ाकर राष्ट्र निर्माण का कार्य करें। हमारा उद्देश्य सत्ता प्राप्ति नहीं, जनता की सेवा है, इसलिए हमने अपने विचारों से कभी समझौता नहीं किया। हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं इसलिए भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनी। हमारे लिए राष्ट्र निर्माण और विचारधारा सबसे प्रथम है। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पचमढ़ी में आयोजित तीन दिवसीय भाजपा सांसद एवं विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में प्रशिक्षण की परंपरा सतत और प्राचीन है। यह पार्टी की कार्यशैली का अंग है। आज भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और उसकी एक अलग पहचान है। लेकिन पार्टी की इस विकास यात्रा में तीन चीजें नहीं बदलीं। ये हैं- प्रशिक्षण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण की भावना। यह प्रशिक्षण वर्ग आप सभी के लिए पार्टी की वैचारिक यात्रा को समझने और आत्मसात, आत्मचिंतन करने का अवसर है।
श्रद्धेय अटलजी ने कहा था कि सत्ता प्राप्ति का उद्देश्य सिर्फ राष्ट्रसेवा होना चाहिए। हमारी जिस वैचारिक यात्रा का शुभारंभ डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय ने किया था वह आज भी जारी है। हमारे लिए राजनीति राष्ट्रनिर्माण का सशक्त माध्यम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी यह यात्रा आज भी चल रही है और भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन हमने अपनी विचारधारा और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। हमारी नीयत और नीतियां आज भी वही हैं। हम अपने मूल विचार से भटके नहीं हैं।
भाजपा आज जहां पहुंची है, उसमें हमारे पूर्वजों का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पं.दीनदयाल जी ने हमें एकात्म मानववाद दिया, श्रद्धेय अटलजी ने हमें संयम सिखाया और श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। यह प्रशिक्षण वर्ग इसी संकल्प को पुष्ट करने के लिए है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा राष्ट्र प्रथम की रही है। पं. दीनदयाल चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने अपने विचारों, सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। आप कभी ऐसा आश्वासन न दें, जो पूरा न किया जा सकता हो और सिद्धांतों से समझौता न करें।
राजनाथ सिंह ने कहा कि विकसित भारत हमारा लक्ष्य नहीं, बल्कि संकल्प है। भारत को आत्मनिर्भर, समावेशी और गौरवशाली राष्ट्र बनाने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। देश आज सुरक्षित है और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था 11 वें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंचने जा रही है और ये बात सिर्फ आंकड़ों की नहीं है, बल्कि बदलाव जमीन पर दिखाई देता है। देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में अब हम एक निर्यातक देश के रूप में उभर रहे हैं। भारत अपनी संप्रुभता और अखंडता की रक्षा करने में कोई समझौता नहीं करेगा, हमने यह ऑपरेशन सिंदूर में भी देखा है।——————-