
एक सरकारी अधिकारी की पत्नी पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें उसने सरकारी टेंडर के बदले नौकरी पाने और बिना कार्यालय में उपस्थित हुए दो स्थानों से कुल 37.54 लाख रुपये का वेतन लेने का मामला उजागर हुआ है। जांच में पाया गया है कि महिला ने कभी भी ऑफिस में काम नहीं किया, बावजूद इसके उसे लगातार वेतन मिल रहा था। इस प्रकरण ने सरकारी भ्रष्टाचार की गहरी परतें खोल दी हैं और विभाग ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मामले के अनुसार, बीते दो वर्षों में महिला ने किसी भी कार्यालय में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई, फिर भी उसे कथित तौर पर दो निजी कंपनियों से वेतन प्राप्त हो रहा था। यह कंपनियां सरकारी टेंडर प्राप्त करने वाली थीं, और महिला को इन कंपनियों में कर्मचारी के रूप में दिखाया गया था।
राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक प्रद्युम्न दीक्षित ने अपनी पत्नी पूनम दीक्षित के माध्यम से अवैध भुगतान प्राप्त करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि उन्होंने सरकारी टेंडर के बदले अपनी पत्नी को नौकरी दिलाई और इसके एवज में अवैध तरीके से भुगतान कराया।
पुलिस और विभाग की जांच में यह भी पता चला कि पत्नी पूनम दीक्षित को कभी कार्यालय में उपस्थिति नहीं दर्ज कराई गई, फिर भी उसे वेतन का भुगतान होता रहा। विभागीय अधिकारियों ने इस मामले की गहराई से जांच के आदेश दिए हैं। यदि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों एवं व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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