कोलकाता गैंगरेप केस में सनसनीखेज खुलासा : सोची-समझी साजिश थी पूरी वारदात

कोलकाता के साउथ लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में पुलिस जांच ने बड़ा खुलासा किया है कि यह वारदात पहले से प्लान की गई थी और पीड़िता को शुरुआत से ही टारगेट किया गया था. जांच में मिले CCTV फुटेज, चैट्स, मेडिकल और फॉरेंसिक रिपोर्ट पीड़िता के बयान की पुष्टि कर रहे हैं. पुलिस ने इसे एक ‘पूर्व-नियोजित अपराध’ बताया है. इस मामले को लेकर राज्य की कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं.

Kolkata Law student gangrape case: साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में कोलकाता पुलिस की जांच ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. पुलिस के अनुसार, यह घटना महज एक मौका नहीं थी, बल्कि ‘पूरी तरह से योजनाबद्ध’ अपराध था, जिसमें पीड़िता को पहले दिन से ही टारगेट किया गया था. इस बीच, कॉलेज प्रशासन ने आरोपी मनोजित मिश्रा की सेवा समाप्त कर दी और दोनों छात्रों (प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद) को निष्कासित कर दिया. वहीं, कॉलेज में पढ़ाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच में अब तक जो सबूत मिले हैं, वे इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आरोपी पहले से ही पीड़िता पर नजर रखे हुए थे. पीड़िता के बयान को सपोर्ट करते हुए CCTV फुटेज, व्हाट्सएप चैट्स, घटनास्थल की फॉरेंसिक रिपोर्ट और मेडिकल जांच जैसे कई सबूत सामने आए हैं, जो उसके दावे को सही साबित करते हैं.

क्या कहती है पुलिस जांच?

कोलकाता पुलिस ने स्पष्ट किया है, “यह घटना कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं था, बल्कि इसका प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया. पीड़िता को पहले दिन से ही टारगेट किया गया था.” फॉरेंसिक सबूतों में घटनास्थल पर संघर्ष के निशान, मेडिकल रिपोर्ट में स्पष्ट यौन हिंसा के प्रमाण और डिजिटल चैट्स में आरोपियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं. 

क्या बोले अफसर?

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास जो तकनीकी और फॉरेंसिक साक्ष्य हैं, वे पीड़िता के बयान से मेल खाते हैं. यह केस संवेदनशील है और हम इसमें पूरी गंभीरता से जांच कर रहे हैं.”

पीड़िता ने क्या कहा?

पीड़िता के अनुसार, शाम 7:30 बजे से लेकर 10:50 बजे तक गार्ड रूम में तीनों ने मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. जब मिश्रा ने उस पर जबरदस्ती की और वह घबराकर रोने लगी, तो उसे पैनिक अटैक आया. उसने बाकी दो लड़कों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन वे उल्टा मिश्रा की मदद करते रहे. इसी दौरान जैब अहमद कॉलेज के पास के Ethan Pharma मेडिकल स्टोर से इनहेलर खरीदने गया. पुलिस ने इस स्टोर से 8:29 बजे की रसीद और UPI पेमेंट के साक्ष्य जब्त किए हैं, जिससे घटना के समय की पुष्टि होती है.

प्लानिंग पहले से थी तय

पूछताछ में अहमद और मुखर्जी ने बताया कि मिश्रा ने दो दिन पहले ही यह साजिश रच ली थी. मिश्रा ने उन्हें कॉलेज की TMC यूनिट में ‘अच्छा पद’ दिलाने का वादा किया था, अगर वे पीड़िता को फंसाने में मदद करें. पीड़िता को TMC की छात्रा इकाई में ‘गर्ल्स सेक्रेटरी’ बनाया गया था और कॉलेज के बाद रुकने को कहा गया था. वह इसी झांसे में कॉलेज रुकी, जहां उसे निशाना बनाया गया.

CCTV और चश्मदीद

गार्ड रूम में घसीटकर ले जाने और गार्ड को बाहर निकालने की फुटेज मौजूद है. गार्ड पिनाकी बनर्जी, जिसने न तो मदद की और न ही पुलिस को सूचना दी, ने दावा किया कि उसका मोबाइल छीन लिया गया था, लेकिन CCTV में उसे कॉलेज में घूमते हुए देखा गया 

कानूनी हलचल और PIL

अब तक तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं- कोर्ट मॉनिटरिंग, रिटायर्ड जज से जांच और पुलिस कार्रवाई की मांग को लेकर. कलकत्ता हाईकोर्ट की बेंच जल्द सुनवाई करेगी.

राजनीतिक हलकों में भी उबाल

इस केस को लेकर राज्य में भारी राजनीतिक प्रतिक्रिया देखी जा रही है. विपक्ष लगातार राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है, जबकि राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) भी मामले में सक्रिय हो चुका है. BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा की चार सदस्यीय टीम कोलकाता पहुंची और कॉलेज का दौरा किया. इसी दौरान भाजपा और माकपा कार्यकर्ताओं से हाथापाई हो गई.

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