आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने मांगी योगी सरकार से सुरक्षा, जानिए क्या है मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है जब 1989 में कराई गई रजिस्ट्री के बाद मृतक विक्रेता की पत्नी कुछ अराजक तत्वों के साथ जमीन पर बेचने के बावजूद कब्जा करने का प्रयास कर रही है। मजेदार बात यह है कि जिन लोगों ने प्लॉट खरीदे हैं वह इस प्लाटों पर रह रहे हैं 34 साल से खरीदने वालों का ही कब्जा हैं लेकिन अब विक्रेता जिसकी मृत्यु हो चुकी है। उसकी पत्नी उस जमीन पर अपना दावा ठोकती नजर आ रही है।

पूरा मामला आपको सिलसिले वार तरीके से बताते चलें कानपुर शहर के इंदिरा नगर से सटी हुई गुप्ता आरएस कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी है और वहां 15 से 20 परिवारों ने समिति द्वारा 34 वर्ष पूर्व लीज डीड कराई हुई है एवं बराबर उस पर काबिज भी हैं गुप्ता आरएस हाउसिंग सोसायटी ने यह जमीन कृषक से 1989 में क्रय करके इसमें प्लाटिंग करी थी लेकिन मजेदार बात यह रही कि समिति द्वारा इसका दाखिल खारिज नहीं कराया गया। इसलिए खतौनी में कृषक की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी का नाम आ गया अब उसकी पत्नी उस जमीन पर अपना दावा कर रही है जबकि उसके पति ने भूखंड का विक्रय1989 में ही कर दिया था और यह बात ही विवाद की वजह बनी हुई है। आज उसे जगह पर कुछ लोगों ने जो वहां पर रह रहे हैं पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि वह सभी के सभी वरिष्ठ नागरिक हैं और उन लोगों ने शासन प्रशासन एवं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से सुरक्षा की लगाई है गुहार।

उन सभी पीड़ित परिवारों में से एक परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी का भी है और उनका यह कहना है की कुछ अराजक तत्व प्रतिदिन आकर के यहां पर खुलेआम जबरन कब्जा करने का प्रयास करते हैं और कुछ जगह पर उन्होंने अपना ताला भी डाल दिया है। पुलिस से भी वह अनुरोध कई बार कर चुके हैं लेकिन किसी प्रकार की कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है, और इस कारण वह सभी बहुत भयभीत हैं। अभी एक-दो दिन पहले अराजक तत्वों ने आकर वहां लगे सीसीटीवी भी तोड़ दिए थे लेकिन तब भी पुलिस ने किसी प्रकार की कोई भी कार्यवाही नहीं करी अब देखना यह है कि कानपुर जिला का जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इन वरिष्ठ नागरिकों को किसी प्रकार की कोई सुरक्षा दे पाती है या यह इसी प्रकार से प्रताड़ित होते रहेंगे।

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