जलियावाला बाग गोलीकांड की वर्षगांठ पर गोष्ठी का आयोजन

खलील अहमद

अलीगढ़। आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत विकास भवन सभागार में बुधवार को जलियावाला बाग गोलीकांड की दुःखद वर्षगांठ के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डालने वाली इस घटना की यादगार में उपस्थित आए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, अधिकारियों व कर्मचारियों ने शहीदों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किये। जिला विकास अधिकारी भरत कुमार मिश्र ने अपने प्राणों की आहूति देकर भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त करने वाले जलियावाला बाग के अमर शहीदों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि यह देश वीर शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुला सकता। 13 अप्रैल 1919 को बैशाखी के दिन रौलेट एक्ट के विरोध में आयोजित जनसभा पर जनरल डायर के आदेश पर चलाई गयी अंधाधुंध गोलियों से जलियावाला बाग ही नहीं समूचे देश में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति विरोध के स्वर गूँज उठे। क्रूर ब्रिटिश अधिकारी को महिलाओं और बच्चों की चीखती आवाजें भी सुनाई नहीं दीं और इस घटना में जहां 400 से अधिक जानें गयीं वहीं 2000 से अधिक लोग घायल हुए। भारत के पंजाब की यह घटना ब्रिटिश शासन के अंत की शुरूआत बनी।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी फाउंडेशन के अध्यक्ष कुंवर प्रमोद सेनानी ने शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा से अपनी बात की शुरूआत करते हुए कहा कि गुलाम भारत की कई दास्तानें जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, अगर सुनते और पढ़ते हैं तो कभी रगों में खून दौड़ जाता है और कभी गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है। कभी आंखों में आंसू आ जाते है तो कभी गुस्से से चेहरा तमतमा उठता है। ऐसी ही एक दुःखद घटना 13 अप्रैल 1919 को घटित हुई जिसमें अंग्रेजों द्वारा चलाई गयी गोली से कई परिवार खत्म हो गये। अंग्रेजों ने बच्चों, महिलाओं एवं बूढ़ों तक को नहीं छोड़ा और उन्हें बाग में चारो-ओर से घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया।
योगेन्द्र सिंह चौहान ने जलियावाला बाग के घृणित नरसंहार में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत का अतुल्य बलिदान राष्ट्र के युवाओं को अनन्तकाल तक प्रेरणा देगा। उन्होंने केन्द्र एवं प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन नई पीढ़ी के लिये अवश्य ही प्रेरणास्रोत बनेंगे। उन्होंने जनरल डायर की क्रूरता पर बताया कि घटना के बाद चले मुकदमे के दौरान उसने स्वीकार करने के साथ कहा था कि यदि उसके पास और गोलियां होती तो वह उनको भी चलाता। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सुशीला देवी ने कविता पाठ के माध्यम से शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दी और भात के गौरवपूर्ण इतिहास को याद किया। इस अवसर पर डीडीओ भरत कुमार मिश्र, सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार एवं दूरदर्शन संवाददाता नीरज शर्मा द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विकास भवन के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों समेत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन उपस्थित रहे।

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